Type Here to Get Search Results !

शिक्षक जीवन संघर्षों की भट्टी में पगे मूल्यों का वाहक होता है ": प्रो. ए. एन. के. राव

0

         मोहिता जगदेव

  उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा 

चांद कालेज में शिक्षक इंसानियत निर्माण के मूल्यों का वाहक विषय पर व्याख्यान 

"स्पर्धी का दिन रात होने में फर्क न कर पाना तैयारी की मिसाल है": प्रो. राजेश कहार 

 शिक्षक में आर्थिक समृद्धि की प्राथमिकता पद की गरिमा के विरुद्ध है": प्रो. आशुतोष कुमार गौर 

"छात्र की अंतर्निहित संभावनाओं को उत्कृष्टता प्रदान करना शिक्षक का कर्तव्य है ": प्रो. फरहत मंसूरी 

" शिक्षक के निजी जीवन का तपन त्याग छात्र में स्थापित होता है ": प्रो. विजय मंडराह 

उग्र प्रभा समाचार,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में राष्ट्रीय सेवा योजना, व्यक्तित्व विकास और रेड रिबन विभाग द्वारा शिक्षक दिवस पर शिक्षक इंसानियत निर्माण के मूल्यों का वाहक विषय पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य अतिथि बतौर बोलते हुए उमरानाला कालेज के प्राचार्य व समाजशास्त्र के प्रो. ए. एन. के. राव ने कहा कि शिक्षक जीवन की प्रताड़नाओं की भट्टी में पगे अनुभवों के जीवन मूल्य जब पाठ्यक्रम से जोड़ता है तो बातें छात्र के लिए सुपाच्य होकर दिल में असर करती हैं। चौरई कालेज के इतिहास के प्रो. राजेश कहार ने कहाv कि किसी भी प्रतिस्पर्धा की तैयारी तभी सटीक होगी जब स्पर्धी को दिन व रात का अंतर महसूस न हो, अन्यथा ज्यादातर लोग तो तैयारी का दिखावा भर करते हैं। चौरई कालेज के भूगोल के विभागाध्यक्ष प्रो. आशुतोष कुमार गौर के वक्तव्य का केंद्रीय भाव था कि जब शिक्षकीय पेशे में आना जुनूनी झुकाव की खातिर होता है तो फिर यह मायने नहीं रखता है कि हम आर्थिक दृष्टि से समृद्ध कितने हुए। बिछुआ कालेज की समाजशास्त्री प्रो. फरहत मंसूरी ने शिक्षक की दैवीय भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह शिक्षक शिक्षक नहीं जो अपने विद्यार्थी की अंतर्निहित संभावनाओं को तमाम उत्कृष्टताओं से लबालब न कर दे, शिक्षा महज रोजी रोटी कमाने का जरिया नहीं है। सौंसर कालेज के राजनीति विज्ञान के प्रो. विजय मंडराह ने अपने वक्तव्य में कहा कि जो शिक्षक स्वयं सूर्य के ताप में तपकर अपने व्यक्तित्व को गढ़ते हैं, उनके शिष्य अपने निजी जीवन को संवारने में इंसानियत निर्माण के मूल्य सहज ही ग्रहण कर लेते हैं।

अभावों में पले उद्योगी छात्र गुरू के संपर्क में समृद्धि के हकदार बनते हैं ": प्रो. इंदु तांडेकर 

" शिक्षक छात्र को बंधी बंधाई सीमाओं से मुक्त कर उन्मुक्त गगन में उड़ने की काबिलियत देता है।" प्रो. इंद्रपाल राउत 

" शिक्षक छात्र की उदासीनता का हरण करे, उसे विलासिता का उपभोगी न बनाए": प्रो. अजीत डहेरिया

सौंसर कालेज की अर्थशास्त्र की प्रो. इंदु तांडेकर ने कहा कि शिक्षक सिखाता है कि लगन, संकल्प और सतत परिश्रमशील छात्र बेशुमार निराशाओं से गुजरकर एक दिन सम्मानजनक पदवी प्राप्त करता है। सौंसर कालेज के हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रो. इंद्रपाल राउत ने कहा कि शिक्षक वही जो अपने छात्र के व्यक्तित्व की बंधी बंधाई सीमाओं को तोड़कर संभावनाओं के विकास के अनंत आकाश में उड़ान भरने के लिए प्रेरित करे। बिछुआ कालेज के अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रो. अजीत डहेरिया के मुताबिक शिक्षक छात्र की उदासीनता का हरण कर उसे सशक्त बनाए ,न कि उसे विलासिता के बाजार का उपभोगकर्ता बनाए। प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने कहा कि शिक्षक की हैसियत के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव छात्र पर इतना गहरा हो कि फिर और किसी का असर बेअसर हो, अन्यथा वह शिक्षक ही क्या जो इंसानियत निर्माण के जीवन मूल्यों को अपने छात्र में स्थापित न कर पाए।

Post a Comment

0 Comments