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उत्कृष्ट छात्रावास हर्रई सें दलित अधीक्षक को हटवाकर स्वयं प्रभार लेना कैलाश सुर्यवंशी को भारी पडा

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 उत्कृष्ट छात्रावास हर्रई सें दलित अधीक्षक को हटवाकर स्वयं प्रभार लेना कैलाश सुर्यवंशी को भारी पडा

संपादक - नीलेश डेहरिया 

हर्रई//उग्रप्रभा//अनुसूचित जाति बालक छात्रावास सुरलाखापा में पदस्थ प्रभारी अधीक्षक कैलाश सुर्यवंशी के लोभ लालच पर उच्च न्यायालय जबलपुर आदेश भारी पढा। कैलाश सुर्यवंशी स्वयं प्रभारी अधीक्षक सुरलाखापा छात्रावास होने के बाद लालच में आकर हर्रई उत्कृष्ट छात्रावास में पदस्थ दलित अधीक्षक काशीराम डेहरिया को हटवाकर स्वयं के नाम का आदेश प्रभारी अधीक्षक के तौर पर धनवल और राजनीतिक संरक्षण से 22 अगस्त 2024 को आदेश करा लिया गया।लेकिन संविधानिक लडाई लडते हुए दलित अधीक्षक उच्च न्यायालय की शरण पर पंहुचकर न्याय मांगा जहा दलित अधीक्षक कैलाश सुर्यवंशी की करतूत और जिनके माध्यम से प्रभार  हुआ था सब पर भारी साबित हुआ। उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया सभी जिलों में कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावासों में एस टी, एस टी,शिक्षक को ही अधीक्षक का दायित्व सौपे।


इसके साथ उत्कृष्ट छात्रावास हर्रई में पदस्थ प्रभारी अधीक्षक काशीराम डेहरिया को यथावत अधीक्षक रहने का आदेश जारी किया गया।

कैलाश सुर्यवंशी का लालच ने दोनो छात्रावासो के प्रभार से कराया दर किनार शिक्षण कार्य के लिए भेजा गया मूल संस्था

कैलाश सुर्यवंशी आदिवासी बालक छात्रावास सुरलाखापा मे प्रभारी अधीक्षक के तौर पर पदस्थ थे लेकिन लालच इतनी बुरी चीज है मन को शांत नही बैठने देती नियम के विरुद्ध जाकर राजनीतिक सपोर्ट के चलते हर्रई उत्कृष्ट छात्रावास अधीक्षक की चाहत रखते हुए 22 अगस्त को आदेश करा लिया गया इनकी जगह सुरलाखापा छात्रावास में दूसरे शिक्षक को प्रभारी अधीक्षक आदेश जारी कर दिया गया कैलाश सुर्यवंशी पंहुच गये हर्रई उत्कृष्ट छात्रावास अधीक्षक के रुप में पहले से पदस्थ दलित अधीक्षक भी संविधान हक और अधिकार के चलते उच्च न्यायालय की शरण में न्याय मांगा और न्याय मिला दलित शिक्षक काशीराम डेहरिया यथावत प्रभारी अधीक्षक रहेगे। न्यायालय के आदेश के बाद कैलाश सुर्यवंशी सुरलाखापा बालक छात्रावास और उत्कृष्ट छात्रावास हर्रई दोनो जगह से लालच के कारण प्रभारी अधीक्षक से दरकिनार होकर अपनी मूल शाला भैसा मे जाकर शिक्षण कार्य करेगे। अब शिक्षण कार्य में कैसे मन लगेगा बर्षो सें छात्रावास की मलाई मे मलीन थे।

कैलाश सुर्यवंशी की पत्नी भी हर्रई अंग्रेजी माध्यम आदिवासी बालक आश्रम में पदस्थ है प्रभारी अधीक्षिका


उच्च न्यायालय के निर्देश की अवहेलना करते हुए अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के शिक्षको का हक मारते हुऐ श्रीमती शक्ति पेठे सुर्यवंशी उच्च माध्यमिक शिक्षिका बीएड एम एड होने के बाद आश्रम में अधीक्षिका के रुप में सेवा दे रही है जिले मे शिक्षक की कमी के बाद उच्च माध्यमिक शिक्षिका को आश्रम का प्रभार सौंपा गया है। नियमानुसार  अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग  शिक्षक शिक्षिका को प्रभार मिलना था। उच्च न्यायालय ने भी साफ निर्देश किया अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावासों में इसी वर्ग के शिक्षक शिक्षिका की नियुक्ति की जाए। प्रभारी अधीक्षिका शक्ति पेठे सुर्यवंशी पर पुर्व कई गबन सोलर पैनल से लेकर कई आरोप लग चुके हैं। उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग जबलपुर द्रारा 22/04/2024 को आदेश जारी किया गया शक्ति सुर्यवंशी का कार्य संतोषजनक नही है इनकी मूल संस्था पर शिक्षण कार्य के लिए यथावत भेजे उसके बाद भी उपायुक्त के आदेश का परिपालन नही हुआ

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