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चांद कॉलेज परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा एक पेड़ मां के नाम पर वृक्षारोपण

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           मोहिता जगदेव

     उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा

"वृक्ष धरा श्रृंगार, बिना वृक्ष जीवन की कल्पना नहीं": प्रो. अमर सिंह 

"बिना वृक्षों के जीवजगत के अस्तित्व को खतरा है _: प्रो रजनी कवरेती 

वृक्षारोपण प्राकृतिक विपदाओं से बचने का एक मात्र उपाय है: नीलेश नाग 

"बिना वनस्पति के धरा पर सब कुछ अर्थहीन हो जाएगा ": प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा 

उग्र प्रभा समाचार,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद के परिसर में उद्यान में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा एक पेड़ मां के नाम पर स्वयं सेवकों एवं कॉलेज स्टाफ ने विभिन्न वृक्षों के पौधों को रोपड़ करके वृक्षारोपण किया। इस अवसर स्वयंसेवकों को धरा को हरा भरा करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रो. अमर सिंह ने कहा कि वृक्ष धरा का श्रृंगार हैं, उनके बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि मनुष्य बिना ऑक्सीजन नहीं जी सकता है, अतः वातावरण में कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने के लिए वृक्षों को रोपित करना निहायत जरूरी है। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि पृथ्वी के एक तिहाई भाग में वनों का होना मनुष्य के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए लोकहित में है, जब मनुष्य ही नहीं होगा तो धरा पर सबकुछ अर्थहीन हो जाएगा।


प्रो. लक्ष्मण उइके ने वृक्षारोपण में संलग्न छात्रों को लोक सेवा हेतु की गई संवेदनापूर्ण कार्रवाई बताया। प्रो. सकरलाल बट्टी ने कहा कि ग्रीनहाउस इफेक्ट से ओजोन परत को नुकसान से बचाने के साथ वृक्षारोपण अनिवार्य है। प्रो. आर. के. पहाड़े ने वृक्षारोपण को प्रकृति, जीवधारी एवं मनुष्य के अन्तःसंबंधों के लिए आवश्यक गतिविधि बताया। नीलेश नाग ने कहा कि वृक्षारोपण प्राकृतिक विपदाओं से बचने का एक मात्र उपाय है। नरेश चौधरी ने कहा कि वृक्षारोपण पर्यावरण संतुलन स्थापित करने में कारगर साबित होता है।

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