मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
शासकीय महाविद्यालय चांद में "नशा स्वनिर्मित अभिशाप" विषय पर कार्यशाला आयोजित
"नशा मनुष्यता के विनाश का स्वयंनिर्मित अभिशाप है" : प्रो . अमर सिंह
नशा सीधे दिमाक पर प्रहार करता है और हमारी रचनात्मक क्षमताओं को नष्ट कर देता है: प्रो आर के पहाड़े
" नशा रचनात्मक शक्तियों का सख्त दुश्मन है": प्रो. अमर सिंह
नशा व्यक्ति को समाज में सिर ऊंचा करके जीने नहीं देता है और हीनभावना का शिकार बना लेता है: प्रो सुरेखा
उग्र प्रभा समाचार ,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में व्यक्तित्व विकास, रेड रिबन और राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग द्वारा संयुक्त रूप से "नशा स्वनिर्मित अभिशाप" विषय पर आयोजित कार्यशाला में प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि नशा करने वाले व्यक्ति का स्वयं पर नियंत्रण, आत्मविश्वास और चुनौतियों से निपटने का साहस समाप्त हो जाता है। उसे क्या अच्छा, क्या बुरा है, सब पता होता है, लेकिन उस पर अमल नहीं कर पाता है।उसे शालीनता से बिना उलाहना दिए नशा मुक्ति हेतु सपोर्ट करना चाहिए। नशे से ग्रसित व्यक्ति के आत्मविश्वास करने की आदत को मज़बूत करने की जरूरत होती है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि नशा करने वाले के ध्यान को नशे से हटाकर दूसरे रचनात्मक कार्यों में केंद्रित कराना चाहिए। गलत लोगों की संगति बदलकर भी नशे की आदत से छुटकारा पाया जा सकता है। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि राष्ट्र के भविष्य निर्माता छात्रों को जो स्वस्थ जीवन के लिए जो आवश्यक है, वही करना चाहिए। नशा छोड़कर सारे रिश्ते जोड़ने पर बल देना चाहिए।
प्रो. आर. के. पहाड़े ने कहा कि नशा सीधे दिमाक पर प्रहार करता है और हमारी रचनात्मक क्षमताओं को नष्ट कर देता है। प्रो. सकरलाल बट्टी ने कहा कि नशे की लत लग जाने से इतना नुकसान होता है जिसकी भरपाई कई पीढ़ियों को करनी पड़ती है। प्रो. लक्ष्मण उइके ने कहा कि नशा दुर्लभ दिव्य संभावनाओं को धूल चटा देता है और मनुष्य की बेशर्मी की पराकाष्ठा तक नीचे गिरा देता है। प्रो. सुरेखा ने कहा कि नशा व्यक्ति को समाज में सिर ऊंचा करके जीने नहीं देता है और हीनभावना का शिकार बना लेता है। कार्यशाला में नशे के नुकसानों पर निबंध स्पर्धा का आयोजन किया गया। कार्यशाला में संतोष अमोडिया, नीलेश नाग, नरेश चौधरी, आनंद रजक और श्वेता चौहान का विशेष योगदान रहा।