संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की मनाई गई जयंती
कार्यक्रम में श्री विजय आनंद दुबे को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया
संस्था प्राचार्य सुधीर मिश्रा ने छात्राओं को मुंशी जी की रचनाएं पढ़कर अच्छे मार्ग पर आगे बढ़ने की बात कही
उग्र प्रभा समाचार छिंदवाड़ा :- धनपत राय श्रीवास्तव जिनको मुंशी प्रेमचंद के नाम से जाना जाता है ,की जयंती आज शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चंदनगाँव में मनाई गई । इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक श्री विजय आनंद दुबे को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया । जिन्होने प्रेमचंद जी के लिखे नाटकों में कई बार अभिनय किया व अनेकों पुरस्कार जीते हैं । दुबे जी ने बताया कि 31 जुलाई 1880 को जन्मे व 8 अक्टूबर 1936 को मृत्यु प्राप्त धनपत राय श्रीवास्तव जो बाद में मुंशी प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए । मुंशी प्रेमचंद ने अनेकों रचनाएं लिखी ,जिनमें गोदान , गबन, पूस की रात ,निर्मला ,कर्मभूमि , पंच परमेश्वर , बूढ़ी काकी ,बड़े घर की बेटी आदि हैं । इनकी रचनाएं जीवन की विभिन्न परिस्थितियों का जीवंत परिचय करवाती है तथा दिल को छू लेती है । ये हिंदी व उर्दु के महान उपन्यासकार थे ।
संस्था प्राचार्य सुधीर मिश्रा ने बताया - प्रेमचंद जी आड़ंबर से दूर सादगी भरा जीवन जीते थे तथा छात्राओं को मुंशी जी की रचनाएं पढ़कर अच्छे मार्ग पर आगे बढ़ने की बात कही । इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक सुनील पवार , श्रीमती कल्पना करमरकर , श्रीमती साधना मिश्रा ,श्रीमती उईके ,श्री योगेश पाटिल व समस्त स्टाप व बच्चे लाभांन्वित हुए । श्री दुबे ने बच्चों को प्रेमचंद जी की लिखी कहानी * पूस की रात * के पात्र पर सुंदर अभिनय करके सिखाया । जिससे बच्चों को भी अभिनय करने की प्रेरणा प्राप्त हुई ।