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MP News: इंसान को बैठाकर उड़ने वाला ड्रोन,का आविष्कार ग्वालियर के लाल 12वीं के छात्र मेंधाश ने कर दिखाया है कमाल

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 MP News:  इंसान को बैठाकर उड़ने वाला ड्रोन,का आविष्कार ग्वालियर के लाल 12वीं के  छात्र मेंधाश ने कर दिखाया है कमाल 


MP NEWS: // उग्र प्रभा // ग्वालियर 

12वीं के छात्र मेधांश त्रिपाठी ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जिसमें एक व्यक्ति बैठकर उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन 80 किलो वजन तक 6 मिनट तक हवा में उड़ सकता है, 60 किमी/घंटा की गति से और 4 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। मेधांश भविष्य में एग्रीकल्चर और हेलीकॉप्टर विकल्पों के लिए ड्रोन विकसित करना चाहता है। 


 ग्वालियर के सिंधिया फोर्ट स्कूल में पढ़ने वाला 12वीं का छात्र मेधांश द्वारा तैयार किया गया यह ड्रोन 80 किलो के व्यक्ति को लेकर 6 मिनट तक लगातार हवा में उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन में करीब 45 हॉर्स पावर की शक्ति है। अभी यह ड्रोन करीब 4 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन की गति 60 किलो मीटर प्रति घंटा है। यह 1.8 मीटर चौड़ा और 1.8 मीटर लंबा है। सुरक्षा के चलते अभी इस ड्रोन को 10 मीटर की ऊंचाई तक ही उड़ा रहे हैं।

मेधांश के इस ड्रोन से एग्रीकल्चर ड्रोन में लगने वाली 4 मोटर लगाई गई हैं। मेंधाश का कहना है कि जिससे भविष्य में आम लोगों के काम आने वाले ड्रोन का निर्माण करूंगा। इससे एक व्यक्ति को दूसरी जगह पहुंचाने और एग्रीकल्चर में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके साथ ही मेधांश कहना है कि जहां पर हेलीकॉप्टर नहीं पहुंच सकता है, वहां पर यह ड्रोन मदद करेगा। इसके साथ ही कई ऐसे मरीज ऐसी फंसे होते हैं जहां उनको मदद नहीं मिल पाती है। ऐसे में यह ड्रोन मदद करेगा, जहां पर हर जगह व्यक्ति ड्रोन को ले जा सके और लोगों की मदद कर सके।12वीं के छात्र मेधांश त्रिपाठी ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जिसमें एक व्यक्ति बैठकर उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन 80 किलो वजन तक 6 मिनट तक हवा में उड़ सकता है, 60 किमी/घंटा की गति से और 4 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। मेधांश भविष्य में एग्रीकल्चर और हेलीकॉप्टर विकल्पों के लिए ड्रोन विकसित करना चाहता है।

 कहा सें मिली प्रेरणा

मेधांश त्रिवेदी बताते हैं... मुझे चाइना के ड्रोन देखने के बाद इस ड्रोन को बनाने की प्रेरणा मिली। इस कार्य में मेरे शिक्षक मनोज मिश्रा ने मोटिवेशन के साथ-साथ तकनीकी रूप से भी मेरी खूब मदद की है। यह मेधावी छात्र एक एयर टैक्सी कंपनी और लोगों के लिए सस्ता हेलीकॉप्टर भी बनाना चाहता है। ड्रोन बनाने के दौरान मेधांश को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन टीचर मनोज मिश्रा और परिवार के लोगों की मदद से मेधांश अपने सपने को साकार करने में सफल हुआ।मेधांश के इस ड्रोन से एग्रीकल्चर ड्रोन में लगने वाली 4 मोटर लगाई गई हैं। मेंधाश का कहना है कि जिससे भविष्य में आम लोगों के काम आने वाले ड्रोन का निर्माण करूंगा। इससे एक व्यक्ति को दूसरी जगह पहुंचाने और एग्रीकल्चर में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके साथ ही मेधांश कहना है कि जहां पर हेलीकॉप्टर नहीं पहुंच सकता है, वहां पर यह ड्रोन मदद करेगा। इसके साथ ही कई ऐसे मरीज ऐसी फंसे होते हैं जहां उनको मदद नहीं मिल पाती है। ऐसे में यह ड्रोन मदद करेगा, जहां पर हर जगह व्यक्ति ड्रोन को ले जा सके और लोगों की मदद कर सके।

मां- बाप ने किया सहयोग

मेदांश की मां स्मिता त्रिवेदी सिंधिया स्कूल में ही अंग्रेजी की टीचर हैं। पिता विशाल त्रिवेदी कानपुर में कारोबार करते हैं। छात्र ने ड्रोन बनाने की इच्छा अपने माता-पिता से जताई और उस पर आने वाला खर्च लगभग 3 लाख 50 हजार रुपए बताया। माता-पिता ने अपने बेटे की उड़ान भरने की मनसा को समझा और उन्होंने ड्रोन बनाने में पूरा सहयोग किया। मेदांश अपने इस ड्रोन से संतुष्ट नहीं है। वह आने वाले समय में एक स्वदेशी हाइब्रिड ड्रोन बनाना चाहता है, जिसमें कम से कम चार लोग बैठ सकें।


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