मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
चांद कालेज में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कार्यशाला आयोजित
"भावनाओं से नियंत्रित होना खराब मानसिक स्वास्थ्य है": जितेंद्र धुंडे
" जीवन को जस का तस स्वीकारना सर्वोत्तम उपचार है ": प्रो. अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में रेड रिबन विभाग एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विभाग द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि बतौर बोलते हुए जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ जितेंद्र कुमार धुंडे ने कहा कि खराब मानसिक स्वास्थ्य जीवन के हर पहलू को दुष्प्रभावित करता है। अंदर की रोशनी कभी भी धुंधली नहीं पड़ती है। भावनाओं से नियंत्रित होना ही खराब मानसिक सेहत कहलाता है। अन्तःस्थल में मानवीयता को महसूस करना ही स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य है। निजी परवाह से अच्छी सेहत रखना आज की महती आवश्यकता है।आत्मोपचार कोई और नहीं, स्वयं करना पड़ता है ": प्रो. अमर सिंह
प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने कहा कि स्वयं को बनाए रखना भी एक कला है। आत्मोपचार स्वयं को ही करना पड़ता है, कोई और नहीं करता है इसे। स्वयं को जस का तस स्वीकारना ही तमाम तनावों का निदान है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि चुनौतियों से जूझकर ही महान आत्माएं बनती हैं। स्वयं की देखभाल हमारी आंतरिक यात्रा है, वाह्य दुनिया में भटकाव नहीं। प्रो . जी एल विश्वकर्मा ने कहा कि अतिविश्लेषण विक्षिप्तता को जन्म देता है। मानसिक उपचार की प्रक्रिया में वक्त लगता है।
हृदय के घाव दिमाक पर आघात पहुंचाते हैं : प्रो.सकरलाल बट्टी
प्रो . सकरलाल बट्टी ने कहा कि दयालुता का कर्म कभी भी बर्बाद नहीं होता है। हृदय के घाव दिमाक पर आघात पहुंचाते हैं। प्रो . आर. के. पहाड़े ने कहा कि जिसको जीवन के जहाज को बखूबी चलाना आता है, आंधियां उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती हैं। प्रो. सुरेखा तेलकर ने कहा कि हम मुश्किलों से जूझकर शक्ति एकत्र करें। प्रो . संतोष उसरेठे ने कहा कि वास्तविक आदमी परेशानियों में मुस्कुराता है, कष्टों में ऊर्जा एकत्र करता है और चिंतन से बहादुर बनता है। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि सब उन्नति कंफर्ट जोन से बाहर निकलने से होती है।