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आस्था, चमत्कार और विश्वास का अद्भुत केन्द्र हनुमान लोक के रूप में अब ले रहा है भव्य स्वरूप

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आस्था, चमत्कार और विश्वास का अद्भुत केन्द्र हनुमान लोक के रूप में अब ले रहा है भव्य स्वरूप 


देश विदेश के श्रद्वालुओं और पर्यटकों कि लिए बनेगा विशेष अध्यात्मिक केन्द्र - गोविन्द चौरसिया (वरिष्ठ पत्रकार ) 

छिंदवाड़ा //उग्र प्रभा //

 मध्यप्रदेश के पांढुर्णा जिले में स्थित जामसांवली का चमत्कारिक हनुमान मंदिर श्रद्धा और आस्था का प्रसिद्ध केंद्र है। यह मंदिर छिंदवाड़ा मुख्यालय से ५७ किलो मीटर नागपुर से ८७ कि.मी. सौंसर तहसील मुख्यालय से लगभग ७ किलोमीटर दूर, नागपुर-छिंदवाड़ा नेशनल हाईवे पर बजाज चौक से पांढुर्णा मार्ग पर एक किलोमीटर की दूरी पर सांवली में स्थित है। मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम अवस्था में विराजमान हनुमान जी की श्रीमूर्ति है, जिनकी नाभि से पवित्र जल प्रवाहित होता है।ऐतिहासिक मान्यताएं और रहस्य- जामसांवली मंदिर के संबंध में कई किवदंतियां हैं।

  जानकारी के अनुसार, इस स्थान पर हनुमान जी की श्रीमूर्ति स्वयंभू प्रकट हुई थी। इस तरह की लेटी हुई और ऊर्ध्वमुखी प्रतिमा संपूर्ण भारतवर्ष में कहीं और देखने को नहीं मिलती है, जो इसे अत्यंत विशिष्ट बनाती है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, प्रारंभ में हनुमान जी की प्रतिमा खड़ी अवस्था में थी। वर्षों पूर्व कुछ चोरों ने प्रतिमा के नीचे खजाना छिपे होने की अफवाह के कारण इसे हटाने का प्रयास किया। इसी दौरान मूर्ति अपने स्थान से हिली नहीं, बल्कि अपने-आप विश्राम अवस्था में लेट गई। कई प्रयासों के बावजूद मूर्ति को हिलाया नहीं जा सका, यहां तक कि २० बैलों की सहायता से भी मूर्ति को टस से मस नहीं किया जा सका।मंदिर के इतिहास के बारे में कोई प्रमाणिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, लेकिन लगभग १०० वर्ष पूर्व के राजस्व अभिलेखों में यहां हनुमान जी की उपस्थिति का उल्लेख मिलता है। कुछ लोगों का मानना है कि भगवान श्रीराम इस स्थान पर पीपल के पेड़ के रूप में विराजमान हैं, जबकि हनुमान जी उनके चरणों में लेटे हुए हैं।

नाभि से प्रवाहित पवित्र जल से रोगियों के उपचार की मान्यता

 हनुमान जी की इस श्रीमूर्ति की एक अन्य विशेषता यह है कि उनकी नाभि से निरंतर जल प्रवाहित होता रहता है। इस जल के बारे में मान्यता है कि इसके सेवन से असाध्य रोगों का उपचार संभव है। श्रद्धालु इस जल को आस्था के साथ ग्रहण करते हैं और कई लोग इसे अपने घर भी ले जाते हैं।

मानसिक रोगियों के लिए आस्था का केंद्र

 जामसांवली का श्री हनुमान मंदिर मानसिक रोगियों के उपचार के लिए भी विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहां मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से भी हजारों मानसिक रोगी अपने परिजनों के साथ आते हैं। परिजनों का विश्वास होता है कि मंदिर परिसर में ठहरने और पूजा-अर्चना करने से रोगी स्वस्थ हो जाएगा। हालांकि, मानसिक रोगियों को उचित उपचार की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित 'ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान' द्वारा मंदिर परिसर में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र संचालित किया जा रहा है। इसके तहत जिला प्रशासन के सहयोग से माह के पहले और तीसरे मंगलवार को निशुल्क ओपीडी का आयोजन किया जाता है। इस ओपीडी में मनोचिकित्सकों द्वारा रोगियों का परामर्श और इलाज किया जाता है तथा उन्हें मुफ्त दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाती हैं। संस्था के प्रयासों से विगत १३ वर्षों में हजारों मानसिक रोगी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

त्यौहारों पर होता है विशेष आयोजन

धार्मिक आयोजन और मेला- जामसांवली हनुमान मंदिर में वर्षभर विभिन्न धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। हनुमान जयंती के अवसर पर यहां विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसके अलावा रामनवमी, दीपावली और अन्य धार्मिक पर्वों पर भी मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं।

३० एकड़ में ३१४ करोड़ रूपए से बनेगा हनुमान लोक

म.प्र. शासन द्वारा मंदिर ले रहा है हनुमान लोक का भव्य स्वरूप- श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और आस्था को देखते हुए म.प्र. शासन द्वारा मंदिर परिसर में सुविधाओं का विस्तार करते हुए 'हनुमान लोक' का निर्माण किया जा रहा है, जिसे उज्जैन के 'महाकाल लोक' की तर्ज पर भव्य रूप दिया जा रहा है।मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लगभग ३० एकड़ क्षेत्र में बनाए जा रहे इस भव्य 'हनुमान लोक' परियोजना पर ३१४ करोड़ रुपये की लागत आएगी।

तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में इस परियोजना की घोषणा की थी। तत्पश्चात राज्य शासन ने प्रथम चरण के लिए ३५.०९ करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की थी। इसी के तहत २४ अगस्त २०२३ को पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने च्हनुमान लोकज् की आधारशिला रखते हुये भूमि पूजन किया था।

इस तरह का होगा हनुमान लोक- भक्तजनों के लिये सर्वसुविधा युक्त हनुमान लोक का कार्य दो चरणों में पूर्ण होगा। पहले चरण के अन्तर्गत मुख्य प्रवेश द्वार एवं प्लाजा का निर्माण,मुख्य प्रवेश द्वार से मंदिर परिसर तक ५०० मीटर लंबा च्चिरंजीवी पथज् का निर्माण,चिरंजीवी पथ में हनुमान जी के विभिन्न स्वरूपों की तीन मूर्तियां एवं उनके जीवन चरित्र को दर्शाने वाले म्यूरल्स/कलाकृतियों की स्थापना,पथ के दोनों ओर पक्की दुकानें एवं फूड प्लाजा का निर्माण,तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण,टिकट काउंटर एवं जन सुविधा केंद्र का विकास,परिसर के लैंडस्केपिंग एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव २३ मार्च को दर्शन किये एवं निर्माण कार्यो का निरीक्षण

वर्तमान में प्रथम चरण का ८५त्न कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसे मई २०२५ के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। हनुमान लोक के दूसरे चरण में श्रद्धालुओं के लिए अतिरिक्त सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिसमें भक्ति सागर एवं प्रवचन हॉल का निर्माण,यज्ञशाला का निर्माण,दोपहिया एवं चारपहिया वाहनों के लिए पार्किंग का निर्माण,संस्कृत महाविद्यालय का निर्माण,भोजशाला का निर्माण,धर्मशाला का निर्माण,चिकित्सा केंद्र की स्थापना,अष्ट सिद्धि केंद्र का निर्माण,ओपन एयर थिएटर का निर्माण,वाटर फ्रंट पाथवे का निर्माण,सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना,प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना,शेष बचे पाथ वे का निर्माण एवं परिसर का सौंदर्यीकरण का कार्य शामिल है। श्री हनुमान लोक परियोजना के द्वितीय चरण में श्री मूर्ति गर्भगृह का निर्माण भी प्रस्तावित है, जो मंदिर की पारंपरिक आस्था और आधुनिक सुविधा दोनों का समन्वय होगा। मंदिर न्यास द्वारा इस गर्भगृह की डिजाइनिंग और योजना तैयार की जा रही है। यह निर्माण कार्य श्रद्धालुओं को अधिक निकटता से दिव्य अनुभूति प्रदान करेगा और मंदिर की गरिमा में अभूतपूर्व वृद्धि करेगा।

देश  विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए विशेष अध्यात्मिक केन्द्र स्थापित होगा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मंदिर दौरा और निर्माण कार्यों का निरीक्षण इस बात का प्रतीक है कि प्रदेश सरकार इस धार्मिक स्थल को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में च्हनुमान लोकज् देश-विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित होगा, जो इस क्षेत्र के धार्मिक पर्यटन को नए आयाम प्रदान करेगा। द्वितीय चरण में ६५ करोड़ की लागत से होंगे कार्य।

नया ट्रस्ट करेगा मंदिर के कार्यो का संचालन

पांढर्ऩा जिला भाजपा के अध्यक्ष संदीप मोहोड़ ने बताया कि हनुमान मंदिर के संचालन हेतु ट्रस्ट बना हुआ है पुराना ट्रस्ट था जिसे उच्चन्यायालय के आदेश पर भंग कर दिया गया है। नये ट्रस्ट में ३५ सदस्य है जिसमें ३२ सदस्य ट्रस्टी है वे अब मंदिर का सुचारू रूप से संचालन एवं निर्माण कार्यालय का निरीक्षण करेंगे।

सौंसर-पांढुर्ना रेल लाईन बनाने की आवश्यकता

सड़क परिवहन मंदिर ने मंदिर के आसपास फोर लाईन बनाने की घोषणा कर दी है, छिंदवाड़ा-नागपुर रेल लाईन में सौंसर बीच का रेल्वे स्टेशन है। सौंसर से पांढुर्ना ४५ किलो मीटर दूर है, सौंसर पांढुर्ना रेल लाईन बन जाती है तो पांढुर्ना से होते हुये मुम्बई से सीधे जोड़ा जा सकता है। उक्त रेल लाईन के बन जाने से छिंदवाड़ा-मुम्बई के लिए नया ट्रेक होगा और लगभग १५० किलो मीटर की दूरी कम होगी। अत: श्रद्धालु के लिए सौंसर-पांढुर्ना रेल लाईन बनाने की आवश्यकता है।

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