मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
चांद कालेज में "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" विषय पर व्याख्यान
" बेटियां भावी भारत की संभावनाओं की मंगलकामनाएं हैं ": प्रो. अमर सिंह
बेटियां जीने की वह वज़ह हैं, जिनकी उपस्थित मात्र से मानवता की अमीरी का अहसास होता है :प्रो रक्षा उपश्याम
बेटियां निर्वचनीय आभास हैं, व्यथाओं की रामबाण औषधि से कष्टों की संहारक हैं:प्रो सुरेखा तेलकर
"प्रकृति आशीर्वादों के अमृत कलश बेटियों के मार्फत भेजती है ": प्रो. अमर सिंह
"बेटियां सृष्टि की पीड़ा पीने की आश्वस्ति का आलोक हैं": प्रो अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार, चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में रेड रिबन, रासेयो और व्यक्तित्व विकास विभाग द्वारा "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और सुरक्षित मातृत्व विषय पर आयोजित व्याख्यान में प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि बेटियां भावी भारत की संभावनाओं की मंगलकामनाएं है, उनका धरा पर होना प्रकृति के आशीर्वादों का अमृत- कलश है। बेटियां पारिवारिक व्यवस्था में आश्वस्ति की वह आलोक हैं, जिसमें धरा की पीड़ा पीने का सब्र है। बेटियां 'चरैवेति' दर्शन की शीतल मंद सुगंध समीर की बासंती बहार हैं, जो सृष्टि में मनभावन हवा के झोंके की अनमोल धरोहर हैं। प्रो . रजनी कवरेती ने कहा कि बेटियां वर्तमान की आवश्यकता का वह यथार्थ हैं, जो हर विषम परिस्थिति में अनवरत साथी हैं। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि बेटियां घर उपवन का वह सुवासित पुष्प हैं, जो हर पिता की खुशकिस्मती की सौगात हैं, मां की असली रहमत हैं और सृष्टि की उम्मीद के आनंद का गीत हैं।प्रो . राजकुमार पहाड़े ने कहा कि बेटियां मनमुदित -माधुर्य की मीत हैं, खग-कलरव का संगीत हैं, पुण्य तीर्थराज प्रयाग हैं, हर परिवार में साक्षात शिव की पार्वती का अवतार हैं, जो त्याग के लिए ही अवतरित होती हैं। प्रो . सकरलाल बट्टी ने कहा कि बेटियां वैचारिक उदारता की ब्रह्मवचन हैं, जिनको प्रबंधन क्षमता की लाड़ली लक्ष्मी होने का गौरव प्राप्त है। प्रो. संतोष उसरेठे ने कहा कि बेटियां वह अनुरागिनी सुगंध हैं, जिनके होने मात्र से अंतर्द्वंदों का समाधान हो जाता है। प्रो. सुरेखा तेलकर ने कहा कि बेटियां निर्वचनीय आभास हैं, व्यथाओं की रामबाण औषधि से कष्टों की संहारक हैं। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि बेटियां जीने की वह वज़ह हैं, जिनकी उपस्थित मात्र से मानवता की अमीरी का अहसास होता है।