मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा
नारी सशक्तिकरण का अर्थ है कि अपने स्वयं के निर्णय और अधिकार नारी खुद अपने दम पर लें सकें : प्राचार्य डाॅ अशोक बारसिया
महिलाएं परिवार एवं समाज की धुरी है: डॉ. सीमा सूर्यवंशी
परिवार के सहयोग से ही महिला आत्मनिर्भर, सशक्त, सक्षम जीवन व्यतीत कर सकती है॓ : डाॅ नीलेश मेश्राम
अच्छी शिक्षा प्राप्त करके महिलाऍ अपने आप को सशक्त बना सकती हैं :प्रो एस व्ही के सिंग
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा : शासकीय पेंचवेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में महिला प्रकोष्ठ एवं आइक्यूएसी के तत्वावधान में महिलाओं को सशक्त बनाने में परिवार एवं समाज की भूमिका विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया । विषय विशेषज्ञ डॉ. सीमा सूर्यवंशी सहायक प्राध्यापक हिन्दी प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस छिन्दवाडा ने अपने व्याख्यान में कहा- महिलाएँ परिवार एवं समाज की धुरी होती हैं महिलाएँ स्वयं का महत्व समझें महिलाएं शिक्षित होकर आत्मनिर्भर एवं सशक्त बन सकती हैं । महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ.अशोक बारसिया ने कहा- नारी सशक्तिकरण का सही शब्दों में यह अर्थ होता है कि अपने स्वयं के निर्णय और अधिकार नारी खुद अपने दम पर लें सकें ।वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. एस .व्ही .के .सिंग ने अपने उद्बोधन में कहा- समय के साथ-साथ अब वर्तमान समय में नारी को सशक्त बनाने का पूर्ण प्रयास किया जा रहे हैं शासन में अब तैंतीस प्रतिशत का आरक्षण महिलाओं को मिल चुका है अच्छी शिक्षा प्राप्त करके महिलाऍ अपने आप को सशक्त बना सकती हैं । आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. नीलेश मेश्राम अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि परिवार एवं समाज महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है परिवार के सहयोग से ही महिला आत्मनिर्भर, सशक्त, सक्षम जीवन व्यतीत कर सकती है॓ एवं जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं लें सकती है और परिवार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है । कार्यक्रम में प्रो. एल.एन.बारापात्रे श्री कार्तिक चौरसिया एवं समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ तथा छात्र - छात्राओं योगदान रहा । कार्यक्रम का सफल संचालन महिला प्रकोष्ठ प्रभारी प्रो. अमिता ब्यौहार एवं आभार व्यक्त डॉ ख्याति सोनी ने किया ।