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पुरुषों की आत्महत्या रोकने के लिए जागरूकता जरूरी: डॉ. संदीप गोहे*

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            मोहिता जगदेव

       उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा

*पुरुषों की आत्महत्या रोकने के लिए जागरूकता जरूरी: डॉ. संदीप गोहे*

 आत्महत्या रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा और पुरुषों को भावनात्मक समर्थन प्रदान करना समय की जरूरत है:डाॅ. संदीप गोहे


उग्र प्रभा समाचार,बैतूल : पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की रोकथाम पर जागरूकता फैलाने के लिए मनोवैज्ञानिक और “सेव इंडियन फैमिली” (एस आई एफ) की शाखा बैतूल के संस्थापक डॉ. संदीप गोहे ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। डॉ. गोहे पिछले 12 वर्षों से पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके अधिकारों के लिए नि:शुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनका कहना है कि समाज में पुरुषों की भावनाओं और मानसिक स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जाता, जो आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि का एक बड़ा कारण है।  

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पुरुषों की आत्महत्या दर महिलाओं की तुलना में अधिक है। भारत में भी यह समस्या गंभीर रूप ले रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2011 से 2021 के बीच आत्महत्या की दर में 7.14 प्रतिशत और 2021 से 2022 के बीच 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। डॉ. गोहे ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे अवसाद और चिंता, सामाजिक दबाव, आर्थिक समस्याएं और कर्ज, पुरुषों की आत्महत्या के पीछे प्रमुख कारण हैं। समाज में पुरुषों को मजबूत और आत्मनिर्भर दिखने की अपेक्षा के कारण वे अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डॉ. गोहे ने पुरुषों के मानसिक विकास के चार चरण बताए: बाल्यावस्था, किशोरावस्था, वयस्कता और वृद्धावस्था। उन्होंने कहा कि हर चरण में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक है। समाज को जागरूकता अभियान, समर्थन समूह और सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से इस समस्या का समाधान खोजना होगा। डॉ. गोहे ने कहा कि आत्महत्या रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा और पुरुषों को भावनात्मक समर्थन प्रदान करना समय की जरूरत है। सहायता के लिए उनकी हेल्पलाइन 8882498498 पर संपर्क किया जा सकता है।

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