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Kranti Goud cricket :छतरपुर की आदिवासी बेटी क्रांति गौड़ ने मेहनत, संघर्ष और लगन से क्रिकेट में रचा इतिहास

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 🌟 “क्रांति गौड़ ” नाम ही नहीं, असली बदलाव की मिसाल बनी 


छतरपुर की आदिवासी बेटी क्रांति गौड़ ने मेहनत, संघर्ष और लगन से क्रिकेट में रचा इतिहास

“क्रांति की मेहनत से बदली तक़दीर — बेटी के संघर्ष ने पिता की वर्दी लौटाई”

छतरपुर //उग्र प्रभा (मध्यप्रदेश)।

बुंदेलखंड की माटी से निकली एक आदिवासी बेटी ने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, मंज़िल जरूर मिलती है।छतरपुर जिले की आदिवासी जनजातीय समुदाय से आने वाली महिला क्रिकेटर क्रांति गौड़ ने अपने खेल के दम पर न सिर्फ भारत को गौरवान्वित किया बल्कि अपने परिवार की ज़िंदगी भी बदल दी।

“क्रांति की मेहनत से बदली तक़दीर — बेटी के संघर्ष ने पिता की वर्दी लौटाई”

क्रांति गौड़ के पिता पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे, लेकिन कुछ साल पहले एक प्रकरण में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। हालात ऐसे बने कि उन्हें परिवार का पेट पालने के लिए खेती करनी पड़ी।इन कठिन परिस्थितियों के बीच भी क्रांति ने हार नहीं मानी — न मैदान छोड़ा, न सपना। गाँव के मैदानों से शुरू हुआ उनका क्रिकेट सफर अब अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँच चुका है।क्रांति की कड़ी मेहनत, संघर्ष, लगन और आत्मविश्वास का ही नतीजा है कि आज मध्यप्रदेश सरकार ने उनके पिता को पुनः सेवा में बहाल करने का आदेश जारी किया है, और क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है।यह सफलता किसी “सोर्स” या “सिफारिश” का परिणाम नहीं, बल्कि एक बेटी के अपने “रिसोर्स”, आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास का फल है।

🏏 क्रिकेट मैदान से लेकर परिवार के सम्मान तक 


क्रांति ने जिस तरह गेंदबाज़ी और प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है, उसी तरह उन्होंने यह दिखाया कि एक बेटी अपने संघर्ष से न सिर्फ अपने सपने पूरे कर सकती है, बल्कि पूरे परिवार की प्रतिष्ठा और सम्मान भी वापस दिला सकती है।आज छतरपुर ही नहीं, पूरा बुंदेलखंड और मध्यप्रदेश क्रांति गौड़ पर गर्व महसूस कर रहा है। उनकी यह कहानी हर उस बेटी के लिए प्रेरणा है जो सीमित साधनों में भी बड़े सपने देखती है।

छतरपुर की बेटी ने बदली तक़दीर — क्रांति गौड़ का संघर्ष से विश्व विजेता तक का सफर

छतरपुर के घुवारा गांव की 22 वर्षीय तेज गेंदबाज़ क्रांति गौड़ ने जिस जज़्बे और गति के साथ भारतीय महिला टीम को 2025 वर्ल्ड कप में जीत दिलाई, वह सिर्फ़ एक खेल की कहानी नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड की जीत है। 

क्रांति का आरम्भ बेहद साधारण रहा — गाँव की गली-नुक्कड़ में बचपन के दिनों में टेनिस बॉल क्रिकेट में ‘बॉल-बॉय’ की भूमिका निभाते हुए वह मैदान की सबसे तेज़ खिलाड़ी बन गईं। कोचों की नसीहत — “ तेज़ दौड़ो, तेज़ बोलो ” — को उन्होने अपनाया और मध्‍य प्रदेश की सीनियर टीम तक का रास्ता तय किया। इनके घरेलू प्रदर्शन (सिनियर वन-डे कप में अहम विकेट-लेना) ने उन्हें WPL में UP Warriorz तक पहुंचाया और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दख़ल का अवसर मिला। 

वर्ल्ड कप के मंच पर क्रांति ने अपनी प्रतिभा को और चमकाया — इंग्लैंड के खिलाफ दर्ज की गई छह विकेट वाली बेहतरीन गेंदबाज़ी और सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसे दिग्गजों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता ने उन्हें ट्रेंडिंग स्टार बना दिया। इन प्रदर्शनियों ने टीम इंडिया के लिए ऐतिहासिक जीत में निर्णायक भूमिका निभाई। इस सफर की पृष्ठभूमि संघर्षों से भरी है — बुंदेलखंड के सीमित संसाधनों, पारंपरिक सोच और आर्थिक चुनौतियों के बीच वह खड़ी रहीं। उनकी माँ-बाप और स्थानीय कोचों की मेहनत और बलिदान ने क्रांति को वो अवसर दिए जो अब पूरे देश के लिए गर्व का कारण बन गए हैं। स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया ने उनके बचपन, प्रशिक्षण और परिवार की कठिनाइयों पर विस्तार से प्रकाश डाला है। 

ख़ास — उनके पिता पर पहले लगे कुछ आरोपों के कारण वो मुश्किल हालात से गुज़र रहे थे; मगर क्रांति की उपलब्धि का असर परिवार पर भी पड़ा और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके पिता की स्थिति में सकारात्मक बदलाव की संभावनाएँ बन रही हैं। यह कहानी सिर्फ खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार की प्रतिष्ठा को लौटाने वाली भी बन गई। 

क्या आगे?

क्रांति का स्किल-सेट अभी और निखरने वाला है — तेज़ गेंदबाज़ी के साथ-साथ टीम मैनेजमेंट उनकी बल्लेबाज़ी पर भी काम कर रहा है ताकि वह भविष्य में और व्यापक रोल निभा सकें। राज्य और केंद्र स्तर पर उम्मीदें अब और बढ़ गई हैं — छोटे गांवों से आने वाली प्रतिभाओं के लिए यह प्रेरणा बन चुकी हैं।

छतरपुर की बेटी अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर सुश्री क्रांति गौड़ का कलेक्टर छतरपुर ने किया सम्मान 


कलेक्टर ने कहा इस बड़ी सफलता से बेटियों को मिलेगी प्रेरणा

विश्व में छतरपुर जिले का गौरव बढ़ा

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कलेक्टर श्री पार्थ जैसवाल ने जिले की बेटी महिला क्रिकेट विश्वकप 2025 की विश्वविजेता भारतीय टीम की खिलाड़ी सुश्री क्रांति गौड़ का पहली बार छतरपुर पहुंचने पर प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो भेंट कर स्वागत किया और शुभकामनाएं दीं। कलेक्टर ने कहा आपने जिले का नाम देश ही नहीं बल्कि विश्व में रोशन किया है। जिससे जिले का गौरव बढ़ा है। शासन प्रशासन पूरे सहयोग के लिए आपके साथ है। उन्होंने कहा जिला प्रशासन आपकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करता है। विपरीत परिस्थितियों में आपके द्वारा सफलता का इतिहास रचा गया। यह बहुत बड़ी सफलता है। आपकी सफलता से बेटियों को प्रेरणा मिलेगी। इस दौरान क्रांति ने भी जिले की बेटियों को खेल के प्रति प्रेरित करने की इच्छा जताई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री नमः शिवाय अरजरिया, एडीएम श्री मिलिंद नागदेवे, एसडीएम बड़ामलहरा श्री आयुष जैन, सीएसपी श्री अरुण कुमार सोनी उपस्थित रहे।

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