Balaghat News :बालाघाट में महिला नक्सली सुनीता ओयाम ने किया आत्मसमर्पण हिंसा छोड़ अपनाया संविधान का रास्ता
बालाघाट//उग्र प्रभा
जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। हाड़कोर महिला नक्सली सुनीता ओयाम ने सोमवार को जिला पुलिस, बालाघाट के समक्ष आत्मसमर्पण किया।यह कदम जिले में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।
संविधान और लोकतंत्र में विश्वास जताया
नक्सलवाद छोडने के बाद की तस्वीरआत्मसमर्पण के बाद सुनीता ओयाम ने कहा कि अब वह भारत के संविधान और लोकतंत्र में पूरी आस्था रखती हैं।उन्होंने बताया कि जंगलों में पुलिस का दबाव बढ़ने और नक्सली संगठन के वरिष्ठ कैडरों द्वारा अपनाई जा रही हिंसक रणनीतियों से वह मानसिक रूप से टूट चुकी थीं।पारिवारिक जीवन से कटाव और असुरक्षा के माहौल से परेशान होकर उन्होंने शासन की नक्सली आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति 2023 से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा आत्मसमर्पण के बाद मिला सुरक्षित और मानवीय व्यवहार उनके लिए एक नया अनुभव रहा है।
🔹 नक्सली साथियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील
नक्सलवादी कैंप की तस्वीरसुनीता ने अपने नक्सली साथियों से कहा कि बालाघाट में जो कैडर अब भी संगठन के प्रभाव में रहकर हिंसा का मार्ग नहीं छोड़ रहे हैं, वे शीघ्र मुख्यधारा में लौट आएँ।उन्होंने विशेष रूप से CC सदस्य सोनू (उर्फ भूपति), CC सदस्य पेश और अन्य वरिष्ठ साथियों से तत्काल आत्मसमर्पण करने की अपील की।
🔹 पुलिस और शासन की पुनर्वास पहल
आत्मसमर्पण के पश्चात सुनीता का स्वास्थ्य परीक्षण, मनोवैज्ञानिक परामर्श तथा आवश्यक चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई।उन्हें उनके माता-पिता से मिलवाया गया, जिससे पुनर्वास की प्रक्रिया का पहला सामाजिक चरण पूरा हुआ।मध्यप्रदेश शासन की नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास एवं राहत नीति 2023 के अंतर्गत सुनीता को लाभ दिलाने हेतु आवश्यक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
🔹 पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभ
सरकारी सेवा का अवसर — ₹25,000 प्रति माह तकआत्मसमर्पण राशि — ₹20,000 से ₹4,50,000 तकभूमि सहायता — ₹20,00,000 तकगृह निर्माण अनुदान — ₹1,50,000व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु सहायता — ₹1,50,000विवाह प्रोत्साहन राशि — ₹50,000घोषित इनाम की राशि — अधिकतम ₹5,00,000
? पुलिस का संदेश उद्देश्य पुनर्वास, न कि हिंसा
बालाघाट पुलिस के अनुसार, उनका उद्देश्य नक्सलियों को समाप्त करना नहीं बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है।सुनीता ओयाम का आत्मसमर्पण इस दिशा में एक सकारात्मक और प्रेरक कदम है।पुलिस ने कहा कि जो नक्सली हिंसा का मार्ग त्यागकर लौटना चाहते हैं, उन्हें सम्मान और सुरक्षा के साथ पुनर्वास मिलेगा,जबकि जो हिंसा पर अड़े रहेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई और अभियान जारी रहेगा।
🔹 समाज से सहयोग की अपील
जिला पुलिस ने बालाघाट की जनता से अपील की है कि वे पुनर्वास नीति में सहयोग कर समाज में शांति और विकास की भावना को सशक्त करें।सुनीता का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि हिंसा छोड़कर भी नया जीवन संभव है।
📍 (स्रोत: पुलिस प्रेस विज्ञप्ति, जिला बालाघाट)
✍️ रिपोर्ट – उग्रहप्रभा न्यूज़ नेटवर्क, बालाघाट


