🇮🇳 रन फॉर यूनिटी : लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन
✍️ उग्र प्रभा समाचार – विशेष लेख
हर वर्ष 31 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में एक गौरवपूर्ण तिथि के रूप में मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्र की एकता, अखंडता और शक्ति के प्रतीक सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती का दिन है। भारत सरकार ने 2014 से इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) घोषित किया।इस अवसर पर देशभर में लाखों लोग “रन फॉर यूनिटी (Run for Unity)” में भाग लेते हैं — यह केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि देश की एकता और भाईचारे का प्रतीक आंदोलन है।
🧑🏫 सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन परिचय
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाद नामक स्थान पर हुआ था। वे एक साधारण कृषक परिवार से थे, लेकिन उनके भीतर अदम्य साहस, दृढ़ निश्चय और राष्ट्रप्रेम की भावना थी।वे पेशे से वकील थे, लेकिन देश की आज़ादी की पुकार सुनकर उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रसेवा को समर्पित कर दिया।स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने खेड़ा आंदोलन और बारदोली सत्याग्रह का सफल नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को न्याय मिला। इसी कारण लोग उन्हें प्रेमपूर्वक “सरदार” कहने लगे।
🪷 लौह पुरुष की पहचान
आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी — रियासतों का एकीकरण।उस समय भारत में लगभग 562 रियासतें थीं, जो स्वतंत्र भारत या पाकिस्तान में से किसी एक के साथ जुड़ने को लेकर दुविधा में थीं।लेकिन सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शिता, दृढ़ता और कुशल कूटनीति से इन सभी रियासतों को भारत संघ में विलय करवा दिया।यह एक असंभव लगने वाला कार्य था, लेकिन सरदार पटेल ने इसे अपनी अटूट इच्छाशक्ति से संभव कर दिखाया।इसी कारण उन्हें इतिहास में “भारत का लौह पुरुष” (Iron Man of India) कहा जाता है।
🏃♂️ रन फॉर यूनिटी का उद्देश्य
“रन फॉर यूनिटी” का आयोजन देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर किया जाता है।इस दौड़ में हर उम्र, हर वर्ग और हर क्षेत्र के नागरिक भाग लेते हैं।
इसका उद्देश्य है —
> भारत की एकता, अखंडता और समरसता को मजबूत बनाना।विद्यालयों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों, सेना, पुलिस बल, खेल संगठन और आम नागरिक बड़ी संख्या में भाग लेकर यह संदेश देते हैं कि —> “हम सब एक हैं, हम सब भारतीय हैं।” 🇮🇳
🏞️ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी – सरदार पटेल की भव्य स्मृति
सरदार पटेल के प्रति राष्ट्र की श्रद्धा का सबसे बड़ा प्रतीक है — स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity)।यह विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है जिसकी ऊँचाई 182 मीटर है।यह गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास स्थित है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 31 अक्टूबर 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया था।यह प्रतिमा भारत की अखंडता, दृढ़ता और गौरव का प्रतीक बन चुकी है।
🌾 युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
आज की युवा पीढ़ी को सरदार पटेल से यह सीख लेनी चाहिए कि> “अगर इरादे दृढ़ हों, तो कोई भी बाधा असंभव नहीं।”उन्होंने हमें यह सिखाया कि व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।उनका जीवन अनुशासन, साहस और समर्पण की मिसाल है
🕊️ राष्ट्रीय एकता की भावना
भारत एक ऐसा देश है जहाँ भाषा, धर्म, संस्कृति और परंपराओं की अपार विविधता है।फिर भी यह देश एक सूत्र में बंधा हुआ है — यही है भारत की असली शक्ति।“रन फॉर यूनिटी” उसी एकता की भावना को मजबूत करने का प्रयास है, जिससे हर नागरिक यह महसूस करे कि हम सभी एक परिवार के सदस्य हैं
🕯️ निष्कर्ष
सरदार वल्लभभाई पटेल केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्र निर्माता थे।उन्होंने विभाजित भारत को एक सूत्र में पिरोकर हमें एक शक्तिशाली राष्ट्र का स्वरूप दिया।उनकी जयंती पर आयोजित “रन फॉर यूनिटी” हर भारतीय के लिए एक अवसर है कि वह उनकी भावना को याद करे और उस पर चले।> “एकता की राह पर चलना ही सच्ची देशभक्ति है।”— सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाएँ और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें। 🇮🇳
📅 लेखक : उग्र प्रभा समाचार टीम
स्रोत : भारत सरकार, राष्ट्रीय एकता दिवस आयोजन, ऐतिहासिक अभिलेख
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