Type Here to Get Search Results !

Kainhaiya kumar:गरीबी से हेलिकॉप्टर तक : कन्हैया कुमार की कहानी — संघर्ष से चमक तक का सफर

0

 गरीबी से हेलिकॉप्टर तक : कन्हैया कुमार का सफर संघर्ष से चमक तक की कहानी 


✍️ उग्र प्रभा समाचार – विशेष रिपोर्ट

Bihar News: बिहार की मिट्टी ने हमेशा ऐसे बेटे पैदा किए हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से दुनिया को दिखाया कि सपनों की कोई जात नहीं होती, गरीबी कोई रुकावट नहीं — अगर हौसला बुलंद हो तो मंज़िल खुद रास्ता बना लेती है।ऐसी ही एक कहानी है कन्हैया कुमार की — एक गरीब परिवार से निकलकर देश की राजनीति में गूंजने वाला नाम,जो कभी छात्र आंदोलन की आवाज़ था, और आज कांग्रेस पार्टी का युवा चेहरा और स्टार प्रचारक बन चुका है।

🧒 गरीबी में गुज़रा बचपन

कन्हैया कुमार का जन्म 2 जनवरी 1987 को बिहार के बेगूसराय जिले के एक छोटे से गाँव “बीहट” में हुआ।उनके पिता एक मामूली मजदूर थे और परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था।घर की छत टपकती थी, लेकिन कन्हैया के सपनों में आसमान था।कहते हैं, बचपन में जब गाँव में बिजली जाती थी तो वह लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करते थे।गरीबी ने उन्हें झुकना नहीं सिखाया, बल्कि सोचने और बोलने की ताकत दी

📚 छात्र जीवन और पढ़ाई

कन्हैया ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गाँव के सरकारी स्कूल से की।वे बचपन से ही बहुत होशियार और सवाल करने वाले छात्र थे।उन्होंने आगे की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली पहुंचे।JNU पहुंचना उनके जीवन का turning point था।वहीं से उनके अंदर का वक्ता, विचारक और नेता जन्मा।वे 2015 में JNU छात्र संघ (JNUSU) के अध्यक्ष बने — और यहीं से राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने लगे

🔥 छात्र आंदोलन से राष्ट्रीय पहचान

फरवरी 2016 में JNU में देशद्रोह के आरोपों को लेकर विवाद खड़ा हुआ।कन्हैया उस आंदोलन का चेहरा बने।उन्होंने कहा था —> “हम आज़ादी चाहते हैं, गरीबी से, भेदभाव से, अन्याय से आज़ादी।”उनकी यह आवाज़ संसद से लेकर गली-मोहल्लों तक गूंजी।जहाँ विरोधियों ने उन्हें निशाना बनाया, वहीं लाखों युवाओं ने उन्हें नई राजनीति की उम्मीद माना

🗳️ राजनीति में कदम

कन्हैया ने छात्र राजनीति से निकलकर 2019 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के उम्मीदवार के रूप में बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा।वहाँ उनका मुकाबला भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह से था।भले ही वे चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन उनके भाषणों ने बिहार की धरती पर नई सोच की लहर पैदा की।2021 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की —और वहाँ उन्हें युवा विचारक, प्रभावशाली वक्ता और जनता से जुड़े चेहरों में गिना जाने लगा।

🚁 अब हेलिकॉप्टर से प्रचार अभियान तक

आज वही कन्हैया, जो कभी साइकिल से कॉलेज जाया करते थे,अब हेलिकॉप्टर से चुनाव प्रचार करते नजर आते हैं।लेकिन दिल आज भी उसी मिट्टी से जुड़ा है।

वे कहते हैं —> “हेलिकॉप्टर पर बैठने से इंसान बड़ा नहीं होता, सोच बड़ी होनी चाहिए।”उनके भाषणों में आज भी गरीबों, मजदूरों और शिक्षा की बात होती है।कन्हैया का कहना है —> “मैं आज भी उसी बच्चे को देखता हूँ, जो अंधेरे में पढ़कर सपने देखता था।

कन्हैया कुमार:कांग्रेस के स्टार प्रचारक

आज कन्हैया कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक माने जाते हैं।उनकी लोकप्रियता खासकर युवाओं और छात्रों में जबरदस्त है।उनके भाषणों में हास्य, तर्क, दर्द और उम्मीद – चारों का संगम होता है।वे सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि “जनता की आवाज़” बनने की कोशिश कर रहे हैं। 

❤️ गरीबी से गौरव तक – प्रेरणा की कहानी

कन्हैया कुमार की कहानी हर उस नौजवान के लिए संदेश है जो परिस्थितियों से हार मान लेता है।उन्होंने दिखाया कि —> “अगर सोच साफ़ हो और इरादे मजबूत, तो कोई भी मंच छोटा नहीं होता।”बचपन में जो लड़का फटे जूते पहनकर स्कूल जाता था,वह आज मंचों पर देश के भविष्य की बात करता है

🕊️ निष्कर्ष

कन्हैया कुमार की यात्रा सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं,यह भारत के उस युवा वर्ग की कहानी है जो संघर्ष से नहीं डरता।आज चाहे वे हेलिकॉप्टर में हों या जनसभा में —बातों में अब भी वही गरीब घर का सच, और शिक्षा से पैदा हुई ताकत झलकती है।> “गरीबी ने उन्हें झुकाया नहीं, गढ़ा है।”“आज उनका हर उड़ान उस संघर्ष को सलाम करती है।”

📅 लेखक : उग्र प्रभा समाचार टीम

📍 स्रोत : छात्र आंदोलन अभिलेख, मीडिया रिपोर्ट, सार्वजनिक भाषण, कांग्रेस प्रचार विभाग


More Interesting Posts

Post a Comment

0 Comments

Footer

चैनल सब्सक्राइब करे

📺 हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें


🔔 SUBSCRIBE NOW