मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
परिस्थितियों को सुख-दुख, लाभ-हानि को सम रूप में स्वीकार करने से तनाव की स्थिति नहीं बनती है : राधिकारमण दास
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा : प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस, शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय छिंदवाड़ा भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर व्याख्यान आयोजित किया गया। वर्तमान संदर्भ में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की गई, प्रभारी प्राचार्य डॉ. डी डी विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में इस्कॉन छिंदवाड़ा से उपस्थित श्री राधिकारमण दास ने मुख्य वक्तव्य में गीता पठन-पाठन के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार विषय पर सारगर्भित व्याख्यान प्रदान किया।परिस्थितियों को सुख-दुख, लाभ-हानि को सम रूप में स्वीकार करने से तनाव की स्थिति नहीं बनती है। व्यायाम, ध्यान, योग, प्राणायाम के साथ आध्यात्म के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने हेतु प्रेरित किया। डॉ. हरिओम भटनागर ने भारतीय ज्ञान परंपरा में गीता जैसे ग्रंथ के वैशिष्टय पर अपनी बात रखी उनके अनुसार हमारी ज्ञानेंद्रियां दुख का कारण होती है किंतु मन और बुद्धि की रज्जू से उन पर नियंत्रण साधा जाय जिससे चिंता और तनाव पर काबू पाया जा सकता है। भारतीय ज्ञान परंपरा की संयोजक डॉ. टीकमणि पटवारी द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में डॉ. उर्मिला खरपूसे, डॉ सुशील ब्यौहार, डॉ. जी व्ही ब्रह्म, प्रो सी डी राव, डॉ पी एन सनेसर, डॉ जे के डोंगरे, डॉ साक्षी सहारे, डॉ रचना लारिया एवं विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।
