मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
"आंतरिक व वाह्य सौंदर्य का मेल सोने पे सुहागा होता है ": रश्मि मराठा
स्वयं को सजाना भी एक कला है, जिसकी बहुआयामी सौंदर्य वृद्धि से व्यक्तित्व को चार चांद लग जाते हैं : प्राचार्य अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार, चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में एक माह तक चले ब्यूटीशियन प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक रश्मि मराठा ने कहा है कि आंतरिक सौंदर्य से वाह्य सौंदर्य का मेल सोने पर सुहागा जैसा आभा बिखेरता है। वाह्य सौंदर्य की कसावट आत्मविश्वास वृद्धि का प्रभावी साधन है। प्रथम प्रभाव ही अंतिम प्रभाव होता है। नगर परिषद अध्यक्ष दान सिंह ठाकुर ने कहा कि आज के रोजगार निर्माण के बाजार में सौंदर्य वृद्धि का बाजार सर्वोपरि है। स्वयं को सजाने, तराशने व तलाशने की कोई अंतिम हद नहीं होती है। जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष प्रफुल्ल ताम्रकार ने कहा कि जो दिखता है, वही बिकता है। अक्सर वाह्य दृश्य प्रस्तुति को ही आंतरिक यथार्थ समझ लिया जाता है। युवा भाजपा नेता आदित्य ठाकुर ने कहा कि आज सौंदर्य वृद्धि का बाजार सुदूर ग्रामीण अंचल तक पहुंच चुका है और इस क्षेत्र में प्रशिक्षित छात्राएं स्थानीय स्तर पर कम लागत से स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं। अमित चौधरी ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण छात्रों में आत्मविश्वास में वृद्धि करते हैं।
प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने कहा कि स्वयं को सजाना भी एक कला है, जिसकी बहुआयामी सौंदर्य वृद्धि से व्यक्तित्व को चार चांद लग जाते हैं। प्रभारी अधिकारी प्रो. राजकुमार पहाड़े ने कहा कि ब्यूटीशियन के प्रशिक्षण से छात्राएं अपने ग्रामीण अंचल में आर्थिक समृद्धि का पर्याय बन सकती है। प्रो. सकर लाल बट्टी ने कहा कि स्वयं की आभामय प्रस्तुति शिक्षा के उद्देश्यों में से एक है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि ब्यूटीशियन का काम नाम, दाम और स्वाभिमान से जीने का जरिया है। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि स्वाभाविक सुंदरता और संतुलित मेक अप एक दूसरे के पूरक हैं। प्रो. सुरेखा तेलकर ने कहा है कि छात्राएं ब्यूटीशियन प्रशिक्षण से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गई हैं। इस प्रशिक्षण को संपन्न कराने में करिश्मा रघुवंशी, प्रो. रक्षा उपश्याम, संतोष अमोडिया, नीलेश नाग, नरेश चौधरी, आनंद रजक व श्वेता चौहान का विशेष सहयोग रहा।

