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राष्ट्रीय संगोष्ठी में सम्मिलित हुए नाट्यगंगा छिंदवाड़ा के कलाकार

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           मोहिता जगदेव 

    उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा

राष्ट्रीय संगोष्ठी में सम्मिलित हुए नाट्यगंगा के कलाकार

इस आयोजन का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ 

नाट्यगंगा रंगमंडल छिंदवाड़ा के अध्यक्ष सचिन वर्मा और कलाकार गुंजन मेटेकर ने भी इस महत्वपूर्ण आयोजन में सहभागिता की

उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा

           विगत दिनों संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन के द्वारा मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल के सहयोग से छः दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह एवं भरतमुनि राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन रवीन्द्र भवन भोपाल में किया गया। जिसमें देश की ख्यातिलब्ध संस्थाओं को आमंत्रित किया गया। इसके अंतर्गत नाट्यगंगा रंगमंडल छिंदवाड़ा के अध्यक्ष सचिन वर्मा और कलाकार गुंजन मेटेकर ने भी इस महत्वपूर्ण आयोजन में सहभागिता की। इस आयोजन का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ । आयोजन में मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक संजय श्रीवास्तव ने नाट्यगंगा रंगमंडल के गुरू सचिन वर्मा का रंगकर्म में 25वर्ष पूर्ण होने पर विशेष सम्मान किया। यह नाट्य समारोह एवं संगोष्ठी का मूल विषय भरतमुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र रहा। गुंजन मेटेकर ने बताया कि जुलाई 2024 में यूनेस्को की मेमोरी ऑफ़ दी वर्ल्ड में नाट्यशास्त्र को सम्मिलित किया गया है इस गौरव के क्षण को अविस्मरणीय बनाने के लिए मध्यप्रदेश शासन के द्वारा यह अनूठा आयोजन किया गया। इस आयोजन में सुबह के समय देश विदेश के ख्यातिलब्ध विद्वान नाट्यशास्त्र पर अपने विचार व्यक्त करते थे और शाम को नाट्यशास्त्र के अनुरूप नाटकों के मंचन किए जाते थे। सचिन वर्मा का कहना है कि ऐसे समय में जब विश्व भरतमुनि के नाट्यशास्त्र को सम्मान और प्रमाणिकता से देख रहा है तब हमारी भी यह जिम्मेदारी है कि हम भी अपनी इस सनातन धरोहर को और अधिक अध्ययन और समर्पण के साथ समाज में स्थापित करें जिससे आने वाली पीढ़ियां अपनी विरासत पर गर्व कर सकें। इस छः दिवसीय हरिहर राष्ट्रीय नाट्य समारोह में समुद्रमंथन, मोहे पिया, सुवसंतक, नाट्योत्पत्ति कथा, विश्वामित्र, हर्षिता, शीला और चैरेवति नाटकों के मंचन देश के सुप्रसिद्ध नाट्य निर्देशकों के निर्देशन में किए गए। और भरतमुनि राष्ट्रीय संगोष्ठी में वाणी त्रिपाठी नई दिल्ली, चितरंजन त्रिपाठी निर्देशक,राष्ट्रीय नाट्य  विद्यालय, वामन केंद्रे मुंबई, डॉ पुरू दाधीच इंदौर, अखिलेन्द्र मिश्र मुंबई, देवेंद्रराज अंकुर दिल्ली, राजीव वर्मा भोपाल जैसे विद्वानों ने नाट्यशास्त्र पर अपने विचार व्यक्त किए।  

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