Type Here to Get Search Results !

attack on journalist: अनुसूचित जाति जनजाति हक के लिए कलम चलाने वाले गौंडवाना समय संपादक को मिली जान से मारने की धमकी

0

अनुसूचित जाति जनजाति  हक के लिए कलम चलाने वाले गौंडवाना समय संपादक को मिली जान से मारने की धमकी 


सिवनी//उग्र प्रभा

सिवनी जिले सें प्रकाशित गौडवाना समय अखबार के संपादक विवेक डेहरिया को असामाजिक गुंडे बदमाश तत्वों के द्रारा गुरुवार की रात को कार्यलय बंद कर चौपहिया वाहन से घर वापस जाते समय दो बदमाशों ने वाहन रुकबाकर गाली-गलौज जाति सूचक शब्दों के प्रहार के साथ धारदार हथियार पिस्टल निकालकर अडा  दी और धमकी दी।और कहा गया  आदिवासी दलित वर्ग के लिए और कलम चलायेगा। गौड़ गवारो के पक्ष में लिखना कब बंद करेगा कब तक गोंडो की पत्रकारिता करता रहेगा दौबारा अनुसूचित जाति जनजाति के पक्ष में खबर प्रकाशित किया तो  अखबार बंद करने की धमकी दी गई। जब संपादक विवेक डेहरिया ने बदमाशों सें पुंछा मेरा क्या कसूर किस बात पर प्रहार किया जा रहा है तब बताया गया। दो दिन पुर्व में गौडवाना समय अखबार में लव जिहाद की खबर प्रकाशित हुई। पीढित आदिवासी महिला ने गौडवाना समय कार्यलय पंहुचकर संपादक को आपबीती घटना सें रुबरु कराया और बताई।आदिवासी महिला की बेटी शासकीय नौकरी में है। शादीशुदा मुस्लिम नें बेटी को चंगुल में फंसाकर निकाह कर लिया है। पीढित माँ के आंसु देखकर हमेशा की तरह शोषित पीढित किसान आदिवासी अनुसूचित वर्ग के हितों की रक्षा और अधिकार की लडाई धारदार  कलम सें लड़ने वाले संपादक नें अपने अखबार में लव जिहाद की खबर प्रकाशित की। उससे आग बबुला होकर लव जिहादी ने गुंडे बदमाश भेजकर जान से मारने का प्रयास किया गया।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं थाना पंहुचकरसंपादक ने घटना की शिकायत कर सुरक्षा मांगी

उक्त घटना की शिकायत गौडवाना समय संपादक नें पत्रकार साथियो के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यलय सिवनी पंहुचकर कप्तान सें घटना की जानकारी दी और दोषियों के खिलाफ कढी सें कढी कार्यवाही एवं एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का आवेदन दिया गया। आदिवासी समुदाय संगठन नें पुलिस अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन देकर कढी सें कार्यवाही करने की मांग की। 

संपादक विवेक डेहरिया सदैव जंगल जमीन शोषित पीढित किसान अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा और मांगो को लेकर गौडवाना समय अखबार में खबर प्रकाशित कर आवाज बुलंद करने का काम करते हैं। विवेक डेहरिया की छवि एक निष्पक्ष निर्भीक निस्वार्थ जनहितेषी पत्रकार की पहचान है। उनकी कलम में जनहित की बू झलकती है। ऐसे निष्पक्ष पत्रकारो पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया पर अघात है। शासन प्रशासन को दोषियो पर सख्त सें सख्त कार्यवाही का अंजाम देना चहिये। ताकि भविष्य में ऐसी घटना न घटे जब निस्वार्थ पत्रकारिता का अंत हो जायेगा उस दिन से और बदमाश गुंडे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हो जायेंगे। 

अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग में अक्रोश दोषियो पर कार्यवाही न होने पर अंदोलन की  तैयारी

समुचे हिंदुस्तान में गौडवाना समय अखबार और संपादक की पहचान जंगल जमीन शोषित पीढित किसान गरीब मजदूर आदिवासी और दलित वर्ग को न्याय दिलाने के लिए जाना पहचाना जाता है। इन वर्गो के लिए सदैव निस्वार्थ सदैव अपनी कलम लेकर खडा होने वाले पत्रकार संपादक पर हमला  कतह मंजूर नही है जो अकेले लाखों लोगो के लिए लडता है उस व्यक्ति पर जान से मारने वाले और भेजने वाले को इतना बढा समाज कैसे माफ करेगा हे। संविधानिक राह पर अनुसूचित जाति जनजाति संगठन के लोग पुलिस अधीक्षक कार्यलय पंहुचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। शीघ्र कार्यवाही न होने पर अंदोलन तक अंजाम देने को तैयार है संगठन।

लगातार पत्रकारों पर हमला मध्यप्रदेश सरकार की कानून व्यावस्था निकम्मी साबित हो रही

पुरे मध्यप्रदेश में सच का आइना दिखाने वाले पत्रकारों पर लगातार प्राणघातक हमले हो रहे हैं कई पत्रकारो की जान भी जा चुकी है। उसके बाद भी सरकार के द्रारा कोई कढा कदम नही उठाया गया। लचीला प्रशासन का जाल पुरे मध्यप्रदेश में फेल चुका है। जो सच दिखाता है जो सच पढवाता है। जो सच कहने का साहस निष्पक्ष अपनी कलम के माध्यम से रखता है। क्या सरकार चाहती है प्रदेश में सच को समाप्त कर झूट बदमाशो भ्रष्टाचार की फैक्ट्री खोलने का इरादा है जो बदमाशों का इतना हौंसला बुलंद कर रहा है। पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर न्याय यात्रा ज्ञापन मांग करने के बाद सरकार की मंशा साफ पर सवाल खडा कर रहा है। क्या सरकार चाहती सवाल उठाने वाले को समाप्त किया जाये और गुंडा राज्य को बढाया जाये। छिंदवाड़ा सिवनी बालाघाट कटनी भोपाल जबलपुर से लेकर तमाम जगह पत्रकारो पर हमला हो चुके हैं। फिर भी सरकार आंख बंद करके बैठी है।

Post a Comment

0 Comments