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आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं लीलाधर मंडलोई

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          मोहिता जगदेव

     उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा 

छिंदवाड़ा जिले के प्रमुख साहित्यकारों पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया 

सतपुड़ा अंचल साहित्य की दृष्टि से बहुत उर्वर है:डाॅ अशोक बरासिया 

उग्र प्रभा समाचार ,परासिया :आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं - लीलाधर मंडलोई - डॉ. सागर भनोत्रा शासकीय पेचवेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में हिंदी विभाग एवं आईक्यू एसी के  तत्वावधान में छिंदवाड़ा जिले के प्रमुख साहित्यकारों पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया विषय विशेषज्ञ डॉ.सागर भनोत्रा सहायक प्राध्यापक हिंदी शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा ने अपने वक्तव्य में कहा आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं लीलाधर मंडलोई समकालीन हिंदी कविता के प्रतिष्ठित कवि के रूप में है 20 से अधिक पुस्तकें उनकी प्रकाशित हो चुकी हैं गद्य और पद्य रचनाओं को महाविद्यालय में बी.ए. एवं एम. ए. के सिलेबस में  में पढ़ाया जाता है उन्होंने दिनेश भट्ट , हनुमंतमनघटे, विष्णु खरे  गोवर्धन यादव ,संपत राव धरनी धर राव के भी व्यक्तित्व एवं कृतित्व से छात्र-छात्राओं को परिचित कराया महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ.अशोक. बरासिया ने विचार व्यक्त करते हुए कहा सतपुड़ा अंचल साहित्य की दृष्टि से बहुत उर्वर है छिंदवाड़ा की माटी में अनेक साहित्यकारों का जन्म हुआ है जिन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य जगत में छिंदवाड़ा जिले का नाम रोशन किया है

आई क्यू एसी  प्रभारी डॉ. नीलेश मेश्राम ने साहित्य का महत्व बताते हुए कहा कि साहित्य से बौद्धिक और आध्यात्मिक प्रगति होती है साहित्य के जरिए हम भाषा और समाज को समझते हैं छिंदवाड़ा जिले के साहित्यकार अपनी साहित्यिक कला लेखनी की अभिव्यक्ति के माध्यम से समाज और इतिहास के जीवंत रूप को दिखलाते हैं। हिंदी विभाग अध्यक्ष प्रो.अमिता ब्यौहार अपने उद्बोधन में कहा छिंदवाड़ा जिले के साहित्यकार हमें अंचल के लोक संस्कृति लोक साहित्य लोक जीवन से परिचित कराते हैं उन्होंने विष्णु खरे के पहले काव्य संग्रह "एक गैर रूमानी समय में "का काव्य पाठ भी किया कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ.ख्याति सोनी ने छिंदवाड़ा जिले के साहित्यकारों का संक्षिप्त परिचय कराते हुए कहां साहित्य मानव जीवन के अतीत का ज्ञान कराता है वर्तमान का यथार्थ चित्रण करता है और भविष्य के निर्माण की प्रेरणा देते हुए जीवन जीने की शैली सीखाता है व्याख्यान को सफल बनाने में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो.एस .व्ही के.सिंग  डॉ.योगेश अहिरवार प्रो.भगवंत राव कराडे श्री कार्तिक चौरसिया एवं समस्त छात्र-छात्राओं का योगदान रहा

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