मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
"जनजातीय संस्कृति भारतीय संस्कृति की आत्मा है" डॉ. श्याम सिंह कुमरे पूर्व उपसचिव म.प्र. शासन
"जनजातीय इतिहास को नए परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है": प्रो. यू. के. शुक्ला
" जनजातीय समाज ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया है ": आदित्य ठाकुर भाजपा अध्यक्ष युवा मोर्चा
"कार्मिक निष्ठा जनजातीय समाज की पहचान है": प्रो. अमर सिंह

कमलेश शाह कवरेती ने कहा कि जनजातीय गौरव की स्थापना की जड़ों को पुख्ता करने में रानी दुर्गावती, बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, मधुभगत, चक्र बीसोई, राजा शंकर शाह, और कुंवर रघुनाथ शाह ने अपने बलिदानों से भारत राष्ट्र को गौरव प्रदान किया है। समारोह को गरिमामय बनाने में कन्याशाला चांद की छात्राओं ने श्रीमती प्रीति दुबे और टाप स्कूल के छात्राओं ने शिक्षक परमाल ठकरिया के मार्गदर्शन में जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी। प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने कहा कि कार्मिक निष्ठा जनजातीय समाज की पहचान है, ताकत है और इनकी ईमानदारी जगजाहिर है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि जनजातीय समाज को अपनी चेतना को उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु लक्ष्य पर केंद्रित करना चाहिए। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि जनजातीय समाज आधुनिक वैज्ञानिक मूल्यों पर अपना ध्यान केंद्रित कर अपने समाज की सेवा करे। प्रो. सकरलाल बट्टी ने कहा कि जनजातीय समुदाय किसी भी बहकावे और लालच में नहीं आए और अपनी निजी पहचान बनाए। समारोह में जनजातीय जननायकों की प्रदर्शनी लगाई गई, आर आर आर फिल्म का प्रदर्शन और छिंदवाड़ा के मशहूर चित्रकार शांतनु पाठक की पेंटिंग को भी प्रदर्शित किया गया। समारोह में समस्त कालेज स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।