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असामयिक विवाह सामाजिक कुरीतियों को बढ़ावा देता है ": प्रो. अमर सिंह

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           मोहिता जगदेव

     उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा 

रेड रिबन क्लब में बाल विवाह के दुष्परिणामों पर व्याख्यान 

"सामाजिक असुरक्षा बाल विवाह का मूल कारण है ": प्रो. अमर सिंह  

बाल विवाह नारी सशक्तीकरण की दिशा में सबसे बड़ी अवरोधक है : प्रो संतोष उसरेठे

"बाल विवाह के पात्र रचनात्मक शक्तियां विहीन हो जाते हैं ": प्रो. अमर सिह

उग्र प्रभा समाचार,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन के आदेश के अनुक्रम में रेड रिबन क्लब द्वारा बाल विवाह के दुष्परिणाम विषय पर आयोजित व्याख्यान में प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि सामाजिक असुरक्षा बाल विवाह का मूल कारण है। बाल विवाह के दुष्परिणाम परिवार को आजीवन भुगतने पड़ते हैं। असामयिक विवाह सामाजिक कुरीतियों को बढ़ावा देते हैं। बाल विवाह की दुष्प्रवृत्ति से बच्चों का बचपन खो जाता है और उम्र अनुभव में अपरिपक्व बच्चे विवाह के बंधन में बंधकर अपनी रचनात्मक शक्तियों के पूर्ण विकसित न होने पर सामाजिक योगदान देने में पीछे रह जाते हैं। बाल विवाह से उत्पन्न संतान की उचित देखरेख न होने से मां और बच्चे का शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। प्रो . रजनी कवरेती ने कहा कि नासमझी से उत्पन्न अवांक्षित गर्भधारण की समस्या से जनसंख्या में हुई वृद्धि आर्थिक वृद्धि के अनुपात में न बढ़कर परिवार में असंतुलन की स्थिति निर्मित कर देती है। प्रो. जी. के. विश्वकर्मा ने कहा कि बाल विवाह में बच्चे समुचित शिक्षा नहीं ग्रहण नहीं कर पाते हैं, जिससे उनको गतिशीलता की कमी, से जीवन के स्वर्णिम अवसरों से वंचित रहना पड़ता है। प्रो. राजकुमार पहाड़े ने कहा कि बाल विवाह किए हुए पति पत्नी वक्त के साथ न चलकर सीमित सामाजिक नेटवर्क में बंधकर कुंठा के शिकार हो जाते हैं। प्रो . सकरलाल बट्टी ने कहा कि बाल विवाह वाले परिवारों में लिंग आधारित हिंसा खूब पनपती है, जिससे परिवार में कलह का वातावरण पनपता है। प्रो. संतोष उसरेठे ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिससे हमारे समाज का एक बड़े तबके को बहुत नुकसान पहुंचता है। बाल विवाह नारी सशक्तीकरण की दिशा में सबसे बड़ी अवरोधक है। प्रो. सुरेखा तेलकर ने कहा कि आज के दक्षता संवर्धन के युग में किसी भी व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए स्वयं पर काम करना पड़ता है। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि बाल विवाह के पति पत्नी उन्नति के पर्याप्त संसाधन नहीं जुटा सकने के कारण विकास की मुख्यधारा से जुड़ ही नहीं पाते हैं।

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