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उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा चांद कालेज में भारतीय ज्ञान परंपरा पर स्पर्धाओं का आयोजन

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          मोहिता जगदेव 

     उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा
"जिज्ञासा, खोज, अनुभव व संवाद ज्ञान प्राप्ति के जरिए हैं": दान सिंह ठाकुर


"छात्र भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों को पुनर्जीवित करें": प्रफुल्ल ताम्रकार


"भारतीय दर्शन की संस्कारित ऊर्जा प्रारब्ध निर्माण की युक्ति है ": प्रो. अमर सिंह

 उग्र प्रभा समाचार ,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में भारतीय ज्ञान परंपरा और राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय में विजेता छात्रों के सम्मान समारोह को लेकर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि चांद नगर परिषद के अध्यक्ष दान सिंह ठाकुर ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा की संचित निधि युवाओं के चरित्र निर्माण का सशक्त जरिया बन सकती है। इस परंपरा के जिज्ञासा, खोज, अनुभव व संवाद ज्ञान प्राप्ति के मूल आयाम हैं। समारोह के अध्यक्ष जनभागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल ताम्रकार ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक जीवन मूल्य भावी पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक हैं, सिर्फ सनातन संस्कृति के कोश को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि ऋषि वैष्णव ने कहा कि भारतीय संस्कृति के दिव्य मूल्य मनुष्यता निर्माण में महती भूमिका का निर्वहन कर भावी पीढ़ी को अस्तित्व निर्माण की गरिमा प्रदान कर सकते हैं। प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि भारतीय स्वयं पर गर्व करने योग्य भरोसेमंद बौद्धिक संपदा का भंडार है,इसकी संस्कारित ऊर्जा युवाओं के प्रारब्ध संवारने का काम कर सकती है। प्रो.रजनी कवरेती ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में शिक्षक व विद्यार्थी के बीच जितना अधिक भावनात्मक जुड़ाव होगा, सुधार उतना ही प्रबल होगा। मोनू सोलंकी ने कहा कि संपूर्ण जगत को अपने उदार चरित्र से अभिभूत करने वाली भारतीय ज्ञान दर्शन परंपरा वैश्विक संस्कृति निर्माण में मार्गदर्शी भूमिका निभा सकती है।

रिंकू कुशवाह ने कहा कि भारत भारती की प्रज्ञा में संसार की सार्वभौमिक ज्ञान पिपासा की पूर्ति के लिए पर्याप्त खजाने मौजूद हैं। मोनू साहू ने कहा कि पाठ्यचर्या को अधिक प्रासंगिक, समयोचित और विद्यार्थी केंद्रित बनाने के लिए भारतीय दर्शन, धर्म, आध्यात्म और गौरवशाली परंपरा के बीज तत्व को सम्मिलित किया जाना चाहिए। गंभीर सिंह विश्वकर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा की सारतत्वों से युक्त अनुशंसाएं सभी के द्वारा अनुग्रहीत करने वाली हैं। आज संपन्न स्पर्धाओं में भाषण में किरन चौरिया, निबंध में कन्हैया सोनी, पोस्टर में सलोनी वर्मा, सामान्य ज्ञान में अर्शिल कुरैशी, अर्पित चौरिया, कन्हैया सोनी, लोकगीत में अंजली तिवारी, अर्पणा तिवारी, पूनम वर्मा, हेमा खड़िया, सुशीला वर्मा और महिमा जम्होरे को प्रथम विजेता घोषित किया गया। साथ ही वादविवाद, पाश्चात्य समूह गायन में विश्वविद्यालय में प्रथम और मूर्ति कला में द्वितीय स्थान प्राप्त नीरज मालवीय जैसे विजेताओं को ट्रॉफी, शील्ड और नकद राशि देकर पुरस्कृत किया गया। समारोह में चांद कालेज के समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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