Head line
* शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पौनार पंहुचे एसडीएम धुर्वे
* विद्यालय की लचार व्यवस्था को देखकर प्रभारी प्रचार्य को लगाई फटकार
* जेईई नीट स्मार्ट क्लास प्रतिदिन लगाने के दिये सख्त निर्देश
* 10:30 और 4:30 बजे ग्राम पंचायत सरपंच को सौंपी जिम्मेदारी समय में शाला शाला नही पहंचने वाले शिक्षकों की जानकारी फोन पर मुझे दे तत्काल
पौनार - उग्र प्रभा // अमरवाड़ा एसडीएम खेमकरण धुर्वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पौनार पंहुचे कक्षा में पंहुचकर छात्रों से एक एक कर चर्चा की एवं समास्या सुनी। छात्रो को खडा कर पुस्तक पढ़ने से लेकर सामान्य ज्ञान पुंछा गया स्मार्ट क्लास को लेकर काफी नराजगी दर्ज कराई और प्रभारी प्रचार्य से लेकर शिक्षको को फटकार लगाई शोभा की सुपारी बने कम्पयूटर लैब कक्ष में डस्ट धूल देखकर चौक गये एसडीएम छात्रों ने बताया आज तक कम्प्यूटर प्रशिक्षण नही दिया जबकी कम्प्यूटर शिक्षा के लिए लैब है पुस्तकालय में पुस्तक नही शिक्षको के पढाने के तरीके को लेकर फटकार लगाई। आगामी समय में शिक्षा व्यावस्था में सुधार नही आने पर कार्यवाही के सख्त निर्देश दिए स्कूल खुले का ढेड माह बीत गया लेकिन टाइमटेबल नही बना न कक्षाओं में पीरियड लग रहे हैं छात्रो ने बताया हम घर से आते हैं और वापस चले जाते हैं। शिक्षकों को लाईन लगाकर पिछले सत्र का विषयवार रिजल्ट पूंछा गया कम प्रतिशत सुनकर कहा बेतन कितना लेते हैं छात्रों की दशा क्या है।
समय पर शिक्षकों के नही पहुंचने पर
ग्राम पंचायत सरपंच को कहा आप 10:30 बजे स्कूल पंहुचकर देखे कौन शिक्षक कितने समय पंहुच रहा और कितने बजे शाला से शिक्षक वापस जा रहे आप मुझे शिक्षकों की अनुपस्थित की जानकारी तत्काल फोन पर दीजिए। नीट जेईई की स्मार्ट क्लास को लेकर कहा गया प्रतिदिन स्मार्ट क्लास लगाई जाए। हाल ही मे पिछले बर्ष स्कूल बिल्डिंग मरम्मत के लिए तीन लाख रुपये आये थे। लेकिन अभी बारिश में बिल्डिंग की छत टपक रही है शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती ऐसी अव्यवस्था। अखिर कब शिक्षक बच्चों के भविष्य का महत्व समझेंगे। और जिम्मेदारी सें छात्रों को बेहतर शिक्षा देने का कार्य करेगे। शिक्षकों के द्वारा बताया गया लिपिक का कार्य भी हमारे द्वारा देखा जा रहा है यहा पदस्थ लिपिक झमकलाल उइके बीईओ कार्यलय मे कार्य कर रहा बेतन यहा से निकल रही है। कार्यलय कार्य आपरेटर से कराने को कहा गया और शिक्षक शिक्षण कार्य पर ध्यान दे। तभी शिक्षक सरकार के खजाने में मोटी बेतन लेकर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढा रहे हैं क्योंकि अपने आप पर भरोसा नहीं है। निजी स्कूल में पढा रहे अल्प बेतन वाले शिक्षक पढा रहे हैं लाख रुपये महीना बेतन मिलने वाले शिक्षकों के बच्चों को मध्यप्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर उंगली खडा करती शिक्षा लचार व्यवस्था।
