मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
हमें परिधान नही विचार और मन को बदलने की आवश्यकता है- डाॅ. लक्ष्मीचंद
आजादी के बाद के भारत को जानना हो तो परसाई के साहित्य को जानों : डाॅ सुशील ब्यौहार
परसाई की प्रासंगिकता आज भी है क्योंकि समाज पूरा रूढि मुक्त नहीं है : ओम प्रकाश नयन
डॉ टीकमणि पटवारी द्वारा कार्यक्रम संचालन श्रीमती शेफाली शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा : मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं प्रगतिशील लेखक संघ छिंदवाड़ा इकाई के संयुक्त तत्वाधान में तथा पीएम श्री उत्कृष्ट स्नातकोत्तर महाविद्यालय छिंदवाड़ा के राजभाषा विभाग के विशेष सहयोग से हरिशंकर परसाईं जी के व्यंग्यों पर आधारित कार्टून चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई, उक्त कार्टून चित्र कार्टूनिस्ट श्री राजेश दुबे जबलपुर द्वारा बनाए गए हैं। इस अवसर पर परसाई जी की रचनाओं का पाठ किया गया, श्रीमती ज्योति गुप्ता द्वारा आवारा भीड़ के खतरे, सुश्री स्वाति चौरसिया द्वारा धर्म विज्ञान और सामाजिक परिवर्तन नामक रचनाएं पढ़ीं। अपने वक्तव्य में प्राचार्य लक्ष्मीचन्द ने - कहा " हमें परिधान नही विचार और मन को बदलने की आवश्यकता है। " डॉ सुशील ब्यौहार ने कहा - "आजादी के बाद के भारत को जानना हो तो परसाई के साहित्य को जानों । " ओम प्रकाश नयन - ने कहा - परसाई की प्रासंगिकता आज भी है क्योंकि समाज पूरा रूढि मुक्त नहीं है। "श्रीमती ज्योति गुप्ता ने कहा - रचना पाठ कर परसाई जी के मार्मिक पक्षों को अभिव्यक्त किया " श्रीमती मोहिता जगदेव ने कहा - हमें लेखन में परसाई जी के अनुकरण करने की आवश्यकता है। "डॉ टीकमणि पटवारी द्वारा कार्यक्रम संचालन श्रीमती शेफाली शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया। छात्रा पलक साहू एम० ए० तृतीय वर्ष ने परसाईं जी पर अपना आलेख प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में रंगकर्मी सचिन वर्मा, प्रो प्रतिभा श्रीवास्तव समासशास्त्र,डॉ० डी० डी० राव, प्रो माहूल पवार , डॉ . पी०एन० सनेसर , डॉ० सीमा सूर्यवंशी , कु शैल कुमारी एवं महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे। शहरवासी उक्त चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन 23 अगस्त दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से शाम 4:00 बजे तक फव्वारा चौक, शाम 5:00 से 7:00 बजे तक प्रस्तावित ऑडिटोरियम स्थल, शहीद स्मारक के पास कर सकते हैं।

