मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा
"देश के दीवानों ने आजाद सांस हेतु बलिदान की कीमत चुकाई है": आदित्य ठाकुर
राष्ट्रप्रेम के दीवानों ने अपने लहू से आजादी का श्रृंगार किया है": प्रो. अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार ,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में आजादी महोत्सव पर आयोजित समारोह में "आजादी मिली बलिदान की कीमत पर" विषय पर प्रमुख वक्ता बतौर बोलते हुए कालेज जनभागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल ताम्रकार ने कहा कि आजादी नियंत्रित व्यवहार का अनुशासन है। बलिदान अनंत का हिस्सा बनने की होड़ है। आजादी के दीवाने खुद को दफन करने का माद्दा रखते हैं। भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष आदित्य ठाकुर ने कहा कि दीवानों के लहू से देश प्रेम का श्रृंगार होता है। गुलामी की बेड़ियों को तोड़ फेंकने का सुरूर ही आजादी है। बिन मकसद जी हुई जिंदगी नरक से भी बदतर है। आजादी के दीवाने अपने जिस्म के टुकड़े करवाने को आतुर रहते थे। सार्थक मकसद से मिली मौत इतिहास पुरुष बनाती है। प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि हर आजाद सांस बलिदान की अमोल कीमत चुकाकर नसीब हुई है। महान मृत्यु का अहसास लिए मरने का आनंद ही अलग है। व्यक्तिगत वक्त के बंधन में न बंधकर अनंत का हिस्सा बनते हैं। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि पीड़ा पीना शौक था आजादी के दीवानों को। कर्म की आजादी की गरिमा सिर्फ मनुष्य को ही प्राप्त है। बलिदानियों के भागीरथी प्रयासों से संभव हुआ है।
बलिदानी खुद को दफन कर अनंत का हिस्सा बनते हैं ": प्रफुल्ल ताम्रकार
"राष्ट्र के मकसद से मिली मौत इतिहास बन जाती है": प्रो. रजनी कवरेती
प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि स्वयं में उत्कृष्टता की खोज ही सच्ची आजादी है। मुश्किल घड़ियों में आपा नहीं खोना हम शहीदों से सीखते हैं। आज का दिन भारत राष्ट्र की अस्मिता की आजादी का अवतरण दिवस है। हमें लम्हों को अपने अंदाज में जीने की पूर्ण आजादी है। आजादी की हर सांस निर्विकार होनी चाहिए। प्रो. संतोष उसरेठे ने कहा कि शिक्षा आजादी का दरवाजा खोलती है। आजादी मुफ्त में नहीं, अनुशासन से मिली है। संतोष अमोडिया ने कहा कि आत्मनिर्भरता में ही सच्ची आजादी छिपी है। समारोह के पश्चात तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। समारोह में अर्शिल कुरैशी, रक्षा रघुवंशी, किरन चौरिया, चांदनी चौरिया, संत कुमारी उईके व महिमा जम्होरे ने अपने भाषण व गीत गायन प्रस्तुति से सभी को सम्मोहित कर दिया। समारोह को जिन जनप्रतिनिधियों ने संबोधित किया उनमें मोनू साहू, शुभांक विश्वकर्मा, विशाल चौरसिया, गंभीर विश्वकर्मा, अमित चौधरी, नोबल प्रजापति, संजीव परानी व श्रवण पाटिल प्रमुख थे।

