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नाट्यगंगा रंगमंडल ने किया शानदार मंचन

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संवाददाता - मोहिता जगदेव 

उग्र प्रभा समाचार छिंदवाड़ा

जिंदगी को आसान कर गई गुड़िया

उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा - जिले की सबसे पुरानी सक्रिय नाट्य संस्था एवं एकमात्र रंगमंडल नाट्यगंगा रंगमंडल के द्वारा कल नाटक गुड़िया का अविस्मरणीय मंचन स्थानीय गर्ल्स कॉलेज ऑडिटोरियम में किया गया। जिसे देखकर दर्शक हंसे भी और भावुक भी हो गए। सुप्रसिद्ध लेखिका और टीवी अभिनेत्री समता सागर द्वारा लिखित इस नाटक का सटीक निर्देशन रंगमंडल के गुरू सचिन वर्मा ने किया। जिन्होंने नाटक को इतनी खूबसूरती से गढ़ा था कि लगभग पौने दो घंटे चले नाटक के जादू में दर्शक बंधे रह गए। पूरा नाटक बुंदेलखंडी बोली में किया गया जिसने दर्शकों का खूब गुदगुदाया। संवादों को सुनकर यह आभाष नहीं हो रहा था कि ये कलाकार बुंदेलीभाषी नहीं हैं। सभी कलाकारों ने अपने स्वाभाविक अभिनय से नाटक को जीवित कर दिया। दर्शकों का कहना था कि ऐसा लग ही नहीं रहा था कि हम नाटक देख रहे हैं। ऐसा लग रहा था मानो सब सचमुच घट रहा हो।


नाटक की कहानी गुड़िया नाम की बेपरवाह और बिंदास लड़की पर आधारित है जिसकी कल शादी होने वाली है पर वह अपनी लापरवाही से अपनी भौंह के बाल काट लेती है। जिससे उसकी शादी टूटने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस बीच गुड़िया अपने माता पिता, भाई भाभी और बहन से उनके जीवन से जुड़ी समस्याओं पर ढेर सारी बातचीत करती है। और उनसे कहती है कि हम सब अपने जीवन को इतना मुश्किल क्यों बना लेते हैं यदि हमसे अपने जीवन में कोई गलती या भूल हो गई है तो या तो उसे सुधार लो या उसके साथ जीना सीख लो। इससे हमारा जीवन आसान हो जाएगा। नाटक में गुड़िया का शानदार अभिनय श्रुति राउत ने किया जो पहली बार मंच पर अभिनय कर रही थी। गुड़िया के होने वाले पति मुद्दू की भूमिका में अमित सोनी ने कमाल कर दिया। दर्शक उनके अभिनय से हंस हंसकर लोटपोट हो गए। मां की भूमिका में सोनम सोनी और पिता की भूमिका में अर्शिल चिचाम ने अपनी भाषा और संजीदा अभिनय से सबको हदप्रद कर दिया। वहीं भाई पप्पू के रूप में दानिश अली ने सभी को प्रभावित किया तो भाभी स्वीटी के रूप में स्वाति चौरसिया ने अपने शानदार अभिनय से एक बार फिर खुद को साबित किया। बहन अलका के रूप में रिद्धिमा चौरसिया का अभिनय देख सभी आश्चर्य से भर गए। गुस्सैल फूफाजी के भूमिका में आकाश घोरमारे बहुत जमें। वहीं बुआ अर्पणा पाटकर ने खूब साथ दिया। मुद्दू के बाबूजी की भूमिका में रूपेश डेहरिया ने दर्शकों को बहुत गुदगुदाया। राजेश्वरी सोनी ने जिया की भूमिका में वृद्ध महिला के चरित्र को बखूबी प्रदर्शित किया।  भाभी की भूमिका में श्रुति आरोनकर, मुन्नि के रूप में विभा सोनी ने शानदार अभिनय किया। परिवार की अन्य महिलाओं के रूप में नीता वर्मा, शिवानी मंगरोले, आयुषी जैन और रेखा जैन ने नाटक को बांधे रखा। नाटक में व्यवस्थाएं हर्ष यादव, वैशाली मटकर, मानसी मटकर, रोहित रूसिया, धनंजय भांगरे, फैसल कुरैशी, कुलदीप वैद्य, नितिन वर्मा, अबीर वर्मा आदि ने संभाली। 


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