संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा
"टालमटोली की आदत योग्यता की बर्बादी का तरीका है": प्रो. सिंह
यह दुनिया उसी की है जो इसे आत्मविश्वास के साथ जीतने निकला है :- प्रो.रजनी कवरेती
" बुरा वक्त हमें नकली चकाचौंध से निकाल असलियत दिखाता है ": प्रो. सिंह
अच्छा चरित्र सबसे बड़ी ताक़त होती है:-प्रो.सुरेखा तेलकर
उग्र प्रभा समाचार चांद, छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद की रासेयो इकाई द्वारा अपने स्वयंसेवकों के लिए सफल जीवन प्रबंधन पर आयोजित कार्यशाला में बोलते हुए प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने कहा कि काम को टालते रहना योग्यता की बर्बादी का सबसे बड़ा तरीका है। बिन उत्साह आत्मा पर झुर्रियां पड़ जाती हैं हम अपने उत्साह जितने युवा और संदेह जितने बूढ़े हैं। आराम में चेतना सिकुड़ती है और जीवन संकुचित हो जाता है। बुरे वक्त हमें नकली चकाचौंध से निकालकर असलियत से हमारा परिचय कराते हैं। हमारा आज का व्यक्तित्व हमारे अतीत की उपज होता है। जिंदगी छोटी नहीं होती है, बस फोकस की कमी होती है। यथा स्थिति को चुनौती दिए बिना तरक्की संभव नहीं है। जीवन में लय कभी भी नहीं तोड़नी चाहिए। लक्ष्य सिद्धि के लिए जोशीले जूनून चाहिए। प्रो.रजनी कवरेती ने कहा कि यह दुनिया उसी की है जो इसे आत्मविश्वास के साथ जीतने निकला है। उम्मीद है तो विश्वास है और विश्वास है तो हौसला है और हौसला है तो ऊर्जा की कमी नहीं होती है। प्रो.जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि चुनौतियां क्षमता वृद्धि का अद्भुत साधन होती हैं। कर्मरत मन ध्यान भटकाव की औषधि होती है। हमारे विचार ही विकास और विनाश के जिम्मेदार होते हैं।
प्रो.सुरेखा तेलकर ने कहा कि अच्छा चरित्र सबसे बड़ी ताक़त होती है। प्रो.रक्षा उपश्याम ने कहा कि शुरूआत करना किसी मंज़िल पर पहुंचने के लिए सबसे जरूरी होता है। प्रो.आर.के.पहाड़े ने कहा कि कोई भी हारकर समाप्त नहीं होता है, हार मानकर होता है। प्रो.विनोद शेंडे ने कहा कि हम अपने दायरे बढ़ाकर हम खुद ब खुद बढ़ जाते हैं। संतोष अमोडिया ने कहा कि जीवन में कठिनाई नहीं है तो समझो कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। सुनील पाटिल ने कहा कि शुद्ध और निश्वार्थ मन दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त होती है। कमलेश चौधरी ने कहा कि संघर्ष की राह संसार बदलती है और सूरज की तरह चमकने से रातों की जंग जीती जाती है।

