हरिदास बड़ोदे साहित्य क्षेत्र में 'हरिप्रेम' उपनाम करण संस्कार से अलंकृत हुए
बैतूल उग्र प्रभा : सूर्यपुत्री माँ ताप्ती नदी के उदगम स्थल मुलताई के समीप लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वटवृक्षों से शोभायमान बड़वंश के पूर्वजों की नगरी एवं ग्राम पंचायत बानूर के मेहरा समाज के बड़ोदे परिवार में श्रद्धेय स्वर्गीय श्री राधेलाल बड़ोदे दादाजी के अनुज पुत्र श्री मनलाल बड़ोदे के सुपुत्र भागवत मेहरा उर्फ हरिदास बड़ोदे जो आमला शहर में वर्ष 2002-03 में स्थापित समिति प्रतिष्ठा शिक्षण समिति एवं संचालित संस्था सनराईज पब्लिक स्कूल के संस्थापक एवं संचालक स्वरूप जान पहचान बनाने वाले आमला के मूलनिवासी एवं वर्तमान में मिलनसार शिक्षक होने के साथ साहित्य के क्षेत्र में श्रीराम दूत हनुमान एवं अंगद की भूमिका में अपनी जड़ को विश्व साहित्य पटल पर भारतवर्ष के जाने माने कवि व लेखक की भांति पकड़ बनाकर अपने गांव, जिला, राज्य और राष्ट्र का नाम रोशन करने वाले साहित्यिक नाम से अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय मंचों पर काव्य पाठ एवं प्रतियोगिता से अनेक गीत, रचना, लेख, आलेख, लघुकथा, कहानी एवं कई पुस्तकों का संकलन करके अनेको सम्मान, सर्टिफिकेट, पुरस्कार, अवार्ड, प्रशंसा पत्रों से सम्मानित हरिदास बड़ोदे 'हरिप्रेम' को *विश्व हिंदी सृजन सागर मंच, साहित्यिक संस्थान, पाली, राजस्थान* (भारत) के द्वारा उपनाम करण संस्कार हेतु आयोजित समारोह में *'हरिप्रेम'* नाम से *अलंकृत* किया गया है। साहित्य क्षेत्र एवं विश्व पटल में ग्राम बानूर के मेहरा समाज के गौरव *हरिदास बड़ोदे 'हरिप्रेम'* को परमपूज्य माता-पिता एवं गुरुजी का सदा आशीष मिला। इस उपलब्धि पर समाजिक जनों, रिश्तेदारों, परिवारजनों, आमला शहरवासीयों एवं सहपाठी मित्रगणों के द्वारा उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करके हार्दिक शुभकामनाएं व बधाईयां दी है।
