मूलनिवासी समाज जोडो यात्रा का पाँचवा दिन भेड़ाघाट जबलपुर में कार्यशाला का आयोजन सम्पन्न
जबलपुर उग्र प्रभा न्युजमूलनिवासी समाज जोड़ो यात्रा का आज 50 वा दिन रहा.. आज मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के मेहरा- महरा समाज के जनप्रतिनिधियों की बैठक भेड़ाघाट, जबलपुर में आयोजित हुई, जिसमें दोनो राज्य के अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित हुए एवं मेहरा समाज की राजनीतिक प्रतिनिधित्व, अनेक परतिनिधायो ने, पिछले 75 मे हमारी संख्या के अनुपात में एक भी विधायक और सासंद की टाकट नही दिये जाने, हमको अनु. मोर्चा जैसे पद शोभा के पद देकर भ्रमित किये जाने पर, कांग्रेस और बीजेपी के प्रति आक्रोश प्रकट किया गया। उपसूथित सभी लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए आदरणीय श्री खेमराज झारिया जी ने कहा है आजादी के 75 साल बाद छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश मे हमारे मेहरा- महरा समाज को विधानसभा और संसद मे नही मिले राजनीतिक प्रतिनिधित्व का आंकलन करने की जरूरत है कि आज तक मेहरा समाज को क्या मिला, क्या हम सिर्फ इन पार्टियों की गुलामी करने के लिए पैदा हुए हैं, हमारी जैसी हालत इन प्रदेश के मूल निवासी माझी समाज रजक समाज सेन समाज और दूसरे अति पिछड़े वर्ग की है। दोनो राष्टीय पार्टी कांग्रेस और बीजेपी ने, कुछ वर्ष पूर्व बाहर के राज्य से आये व्यक्तियो के रहमो कर्म पर हमे छोड दिया गया है। इसलिए अब हमे मिलकर तीरे विकल्प के रूप मे बहुजन चेतना विकास मोर्चा पार्टी* बनानी पडी है, जो कि वरष 2023 में मध्य प्रदेश के मूलनिवासी के हको रक्षा करने हेतु पहले वर्ष मे 64 विधानसभा और 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी,जिसका मूलमंत्र है जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी* क्योंकि मध्यप्रदेश में मेहरा, माझी, सेन और रजक समाज जिसकी जनसंख्या एक करोड़ दस लाख से अधिक है परन्तु इनके एक भी सांसद पिछले 75 सालों में नहीं बने है और वर्तमान में इनके एक भी विधायक नहीं है, क्या ये समाज में दूसरो की गुलामी करने के लिए पैदा हुई हैं, अब एस सी एस टी अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को एक दूसरे का खुद समर्थन करना और अपना विधायक और सांसद बनाने के बारे मे सोचना चाहिए ।
मूलनिवासी समाज को अपना मान सम्मान स्वाभिमान की लड़ाई खुद लड़ना चाहिए । हमारे जल, जंगल जमीन, नदी तालाब और पहाड गिरवी रखने, बेचने वाले, राजवाडे और उधयोगपतियो के नागपुर और दिल्ली मे बैठे मठाधीशो पर आश्रित रहने से आने पीढी का भला नही होना है।
*बेटी अभिमान है, वोट स्वाभिमान है।*
कृपया इसे बेचे नहीं। जय संविधान, जय भीम जय जोहार, जय मूलनिवासी,