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चरवाहे से जीवन शुरू कर दिलीप ने पास की अंग्रेजी में नेट परीक्षा

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संवाददाता - मोहिता जगदेव 

उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा

" दिलीप के कीर्तिमान पिछड़े तबके के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होंगे": प्रो. अमर सिंह

 गांव के युवा को अगर सही मार्गदर्शन मिल जाए तो उसे कोई नहीं पछाड़ सकता है:" प्रो. दीप्ति जैन 

दिलीप का संघर्ष सफर अभावों की भट्टी में तपकर कुंदन बनने जैसा है ": प्रो. जी.बी. डहेरिया 

संकल्प की शक्ति पर्वतों को भी हिलाकर रख देती है": प्रो. सुरेंद्र झारिया 

:उग्र प्रभा समाचार - कहते हैं कि साधारण से इंसान में असाधारण बनने की सारी दिव्य शक्तियां मौजूद रहती हैं, बस ज़रूरत होती है सामयिक अभिप्रेरण की, भरोसा दिलाने की कि वह सब कुछ कर सकता है। अगर हमारे कर्म उत्कृष्ट हैं तो खुदा हमारा नसीब खुद हमसे पूछकर लिखता है। जिसके पास खोने को कुछ न हो उसके प्राप्त करने की कोई इंतहा नहीं होती है। विरासत से तय नहीं होते हैं किस्मत के फैसले, ये हमारी उड़ान बताती है कि आसमां किसका है। संघर्ष की उड़ान भरने वाले कभी भी आसमान का कद नहीं नापते हैं। यही चरितार्थ कर दिखाया है अमरवाड़ा के  पिछड़े ग्राम सारसडोल निवासी एक अति मध्यम वर्गीय कनछेदीलाल डहेरिया व रुकमिनी बाई डहेरिया के सुपुत्र दिलीप कुमार डहेरिया ने जो कि उच्चतर माध्यमिक शाला हिर्री अमरवाड़ा में अंग्रेजी के प्रवक्ता पद पर पदस्थ हैं। आपने यूजीसी द्वारा अभी हाल में घोषित अंग्रेजी में सहायक प्राध्यापक बनने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की परीक्षा पास कर जिले का नाम रौशन किया है। ज्ञातव्य हो कि पी. जी. कॉलेज छिंदवाड़ा के एम. ए. अंग्रेजी के भूतपूर्व छात्र दिलीप ने प्रथम कक्षा से लेकर सारी कक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आपने अपनी बारहवीं तक की पढ़ाई पशु चराने के साथ साथ की है और मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा द्वारा आयोजित सेट परीक्षा में अनुसूचित जाति संवर्ग में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आपने 2018 में आयोजित अंग्रेजी की वर्ग एक की परीक्षा में मध्य प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। दिलीप ने बिना किसी कोचिंग का सहारा लिए गांव में ही पढ़ाई करके हर कक्षा में टॉप करने का सिलसिला बरकरार रखा है।  ऐसी कोई परीक्षा नहीं जिसमें दिलीप ने उत्कृष्ट कीर्तिमान स्थापित न किए हों। दिलीप का संघर्ष, संकल्प, लगन, लक्ष्य प्राप्ति की भूख कभी समाप्त नहीं है। दिलीप ने अपनी इस सफलता का श्रेय प्रो.अमर सिंह, प्रो. तृप्ति मिश्रा, प्रो. दीप्ति जैन, प्रो. जी. बी. डहेरिया और प्रो. सुरेंद्र झारिया के मार्गदर्शन और माता पिता के आशीर्वाद को दिया है

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