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*आंचलिक साहित्यकार परिषद, छिंदवाड़ा की सरस काव्यगोष्ठी का शानदार आयोजन *

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    मेरी बोली गंगा मैया जैसी पावन रे...

       -अवधेश तिवारी

जो जाति अपने इतिहास की रक्षा नहीं कर सकती उसका भूगोल भी बदल जाता है..

 अवधेश तिवारी

-देहरी पूछे कब आओगे...

 गुलाम मध्यप्रदेश ( प्रस्तुति - दिनेश भट्ट तरूण)

- क्या कहूँ कुछ कहा नहीं जाता

 बिन कहे  भी रहा नहीं जाता.. -नंदकिशोर नदीम

- मैंने हाथों से ललाट पर पंथधूलि का तिलक लगाया

- नेमीचंद 'व्योम

-जो  बिना ऑंसू और बिना आवाज़ के रोता है

 वह पिता होता है

 -डॉक्टर अमर सिंह

- मैं जिसे अपना समझती हूं बिछड़ जाता है

 दीपशिखा सागर

सब होय अधीर बड़ी विपदा 

 रवि तापन प्राण सुखाय रहो।

नहिं मानुष चेत रहो जल जंगल

 और न भूमि बचाय रहो।।

 - अनुराधा अनु

न चांद बनने की ख्वाहिश मुझे 

न सूरज बनने की तमन्ना है 

जुग्नू की मानिंद चमकती रहूं

ताकि वजूद मेरा बरकरार रहे

- मोहिता मुकेश *कमलेंदु*

उग्र प्रभा समाचार छिंदवाड़ा :आंचलिक साहित्यकार-परिषद की छिंदवाड़ा इकाई की ओर से रविवार 18 जून को पितृदिवस के अवसर पर स्थानीय पेंशनर्स- सदन में एक सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। सबसे पहले  साहित्यकार परिषद के पितृपुरुष श्री शिव शंकर जी शुक्ल लाल और गुलाम मध्यप्रदेशी जी का पुण्यस्मरण किया गया। परिषद के अध्यक्ष अवधेश तिवारी ने बताया कि काव्यगोष्ठी में नगर तथा नगर के बाहर के अनेक वरिष्ठ रचनाकारों के साथ नई पीढ़ी की युवा प्रतिभाओं ने भी भाग लिया ।

गोष्ठी का शुभारंभ मां वीणापाणि की वंदना से हुआ। वंदना के शब्दपुष्प परिषद के जाने-माने कवि श्री नंद कुमार दीक्षित की ओर से समर्पित किए गए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की प्रेरक वक्ता डॉ अमरसिंह ने  तथा मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ कवि श्री रत्नाकर रतन तथा श्री दिनेश भट्ट तरुण। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागी कवि थे- सर्वश्री नंद कुमार दीक्षित,अवधेश तिवारी,रामलाल सराठे, डॉक्टर अमर सिंह, रमाकांत पाँडे,अंकुर वाल्मीकि, मोहिता मुकेश कमलेंदु, लक्ष्मण प्रसाद डेहरिया खामोश, आचार्य शिवेंद्र कातिल, राजेंद्र यादव, अनुराधा तिवारी,इंद्रजीत सिंह ठाकुर, नंदकिशोर नदीम, विश्वेश चंदेल, शशांक पारसे, कविता भार्गव, दीपशिखा सागर, प्रीति जैन शक्रवार तथा किशोर बेले। श्री दिनेश भट्ट तरुण ने इस अवसर पर  श्री गुलाम मध्यप्रदेश की जी की रचना "देहरी पूछे कब आओगे" की प्रस्तुति दी।

     काव्यपाठ के पश्चात सभी उपस्थित रचनाकारों के प्रति अपना हार्दिक आभार परिषद के सचिव श्री रामलाल सराठे ने व्यक्त किया तथा इस संपूर्ण काव्यगोष्ठी का सरस संचालन किया परिषद की महिला- प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति जैन शक्रवार ने। श्री नेमीचंद व्योम ने इस अवसर पर संस्कृत-शिक्षण पर संवाद किया। साथ ही इन दिनों प्रदर्शित की जा रही फिल्म 'आदिपुरुष' की विवादित प्रस्तुति और संवाद के स्तर पर भी लोगों ने असंतोष व्यक्त कर कलेक्टर महोदय छिंदवाड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री जी मध्य प्रदेश को ज्ञापन देने का निर्णय किया। ज्ञातव्य है कि आंचलिक साहित्यकार परिषद की छिंदवाड़ा इकाई द्वारा हिंदी, संस्कृत, उर्दू, मराठी आदि भाषाओं के साथ-साथ लोक भाषा बुंदेली और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं एवं बोलियों का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

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