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चांद कॉलेज ने दी प्राचार्य को थीम आधारित विदाई

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 सरलता, सहजता व सौम्यता शिक्षक के अद्भुत गुण होते हैं": प्रो. सिंह 

 प्रो. गुप्ता का व्यक्तित्व सभी को अभिभूत करता है" : प्रो. सिंह

प्रो. गुप्ता धैर्य, सहनशीलता व विनम्रता के साक्षात आभूषण हैं ": प्रो. सिंह 

 प्रो. गुप्ता ने संपूर्ण सेवाकाल में संयम को अपनी ताकत बनाया ": प्रो. सिंह 

उग्र प्रभा समाचार चाँद,छिंदवाड़ा:  शासकीय महाविद्यालय चांद के सभाकक्ष में अपने निवर्तमान प्राचार्य प्रो. डी. के. गुप्ता के शासकीय सेवा पूर्ण होने पर आयोजित "सरलता, सौम्यता व सौजन्यता शिक्षक की सबसे बड़ी ताकत"  थीम आधारित विदाई समारोह में वर्तमान प्राचार्य प्रो.अमर सिंह ने प्रो. गुप्ता के सौम्य स्वभाव पर बोलते हुए कहा कि सरलता सहजता और सौम्यता शिक्षक के अद्भुत गुण होते हैं। प्रो. गुप्ता धैर्य, सहनशीलता और विनम्रता के साक्षात आभूषण हैं। प्रो. गुप्ता ने संपूर्ण सेवाकाल में संयम को अपनी ताकत बनाया। जनभागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल ताम्रकार ने कहा कि प्रो.गुप्ता एक पूर्ण सज्जन व्यक्ति हैं, जिनका  मृदुल व्यवहार ही उनकी यश का कारण है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि प्रो. गुप्ता रीति, नीति और प्रीति के मनोवैज्ञानिक प्रबंधन से अपने साथियों में छिपी संभावनाओं को उभारकर अपनी नियुक्ति के संस्थान की पुनीत नियति से सेवा करने में सक्षम रहे। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि प्रो. गुप्ता ने किसी भी मानवीय मूल्य से समझौता नहीं किया।  जीवन व्यवहार में सर्वोच्च सकारात्मकता के दिव्य हथियार को जिस तरह से प्रो. गुप्ता ने अपने आचरण की सभ्यता का अभिन्न अंग बनाया, वह किसी भी प्रबंधन गुरु की खूबियों में से एक होती है। 


प्रो.आर. के.पहाड़े ने कहा कि प्रो. गुप्ता ने अपने संपूर्ण सेवा काल में कर्मसिद्धि को ही पूजा मान सरकारी सेवा के जो उत्कृष्ट मानदंड स्थापित किए हैं, वे भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शी साबित होंगे। प्रो. विनोद शेंडे ने कहा कि प्रो. गुप्ता दूसरों के परिप्रेक्ष्य को समझने वाली निर्विवाद न्यायप्रिय प्राचार्य के रूप में लोकप्रिय रहे हैं। प्रो.सुरेखा तेलकर ने कहा कि प्रो.गुप्ता सौम्य, सुशील और सौजन्य की सुरभि की आभा से महकता हुआ सदाबहार पुष्प हैं। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि प्रो.गुप्ता का व्यक्तित्व अनुकरणीय है, जिससे चांद महाविद्यालय की छात्रों को लाभान्वित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। संतोष अमोडिया ने कहा कि प्रो. गुप्ता ने कभी भी बॉस के रूप में पेश न आकर अपने हर अधीनिष्ठ को हमेशा यथोथित सम्मान देकर और अधिक काम करने को प्रेरित किया। 


 

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