नई शिक्षा नीति अंतर्निहित शक्तियों के उदय वाली शिक्षा है": प्रो. सिंह
रचनात्मक वृद्धि नई शिक्षा नीति के केंद्र में है": प्रो. सिंह
उद्यमता दक्षता से रोजगार निर्माण नई शिक्षा नीति के मूल में है": प्रो. सिंह
उग्र प्रभा समाचार छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में राष्ट्रीय सेवा योजना और कैरियर मार्गदर्शन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से नई शिक्षा नीति की चुनौतियां और समाधान विषय पर आयोजित एकदिवसीय शिविर में डॉ. अमर सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति दिल, दिमाक व आत्मा को पोषित करने वाली शिक्षा पद्धति जिसमें छात्रों का मूल्यांकन रचनात्मकता आधारित होगा। उद्यमता, दक्षता व रोजगार निर्माण इसके केंद्र में होंगे। प्राचार्य डॉ. डी. के. गुप्ता ने कहा कि नई शिक्षा नीति मौलिक अवधारणात्मक चिंतन, देश की बदली हुई परिस्थितियों के अनुसार समस्या के समाधान व बदली जीवन शैली के अनुरूप नवाचार परक शिक्षा होगी। क्रीड़ाधिकारी प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति सार्थक अवश्य होगी क्योंकि यह आवश्यकता आधारित, बेरोजगारी दूर करने वाली,भय मुक्त वातावरण, ज्ञान के साथ आनंद व मुक्ति देने के लक्ष्यप्राप्ति को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। प्रो.रजनी कवरेती ने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों को बहु विषयक चुनाव की आज़ादी, उद्देश्यपरक, प्राचीन भारतीय साहित्य, कला, संस्कृति व विज्ञान के मूल्यों के सहेजने के साथ समाज के वंचित वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। प्रो. आर. के. पहाड़े ने कहा कि उच्च शिक्षा व्यक्ति में पूर्णता का भाव प्रदान करती है। छात्र नई शिक्षा नीति के पाठ्यक्रम में उज्जवल भविष्य बनाऐं। प्रो. विनोद शेंडे ने कहा कि छात्र नई शिक्षा नीति के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेकर अपना भविष्य उज्जवल कर सकती हैं। प्रो.सुरेखा तेलकर ने कहा कि उच्च शिक्षा व्यक्ति में पूर्णता का भाव पैदा करती है। प्रो रक्षा उपश्याम ने कहा कि उच्च शिक्षा में अध्यापन छात्रों के लिए आदर्श रोजगार है। शिविर में नई शिक्षा नीति के व्यावसायिक पाठयक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
