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11हजार दीपकों सें जगमगाया यज्ञ पंडाल दीप महायज्ञ डाँ चिन्मय पांडया कुलपति हरिद्वार की उपस्थिति में

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 जीवन के देवता को आवो तनिक सावरे... डॉ. चिन्मय पांड्या

11 हजार दीपकों से जगमगाया यज्ञ पांडाल दीप महायज्ञ संपन्न हजारों परीजनो की रही उपस्थिती

छिन्दवाड़ा उग्र प्रभा - विराट 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह छिंदवाड़ा के तृतीय दिवस पर संध्या बेला पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रती कुलपति आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पांड्या जी शन्तिकुंज हरिद्वार का आगमन हुआ इस अवसर पर हजारों परीजनो को मुख्य मंच से संबोधित किया गया।इस अवसर पर मनुष्य जीवन की गरिमा को बनाने हेतु जीवन के देवता को संवारने की आवश्कता है यह प्रज्ञा श्रद्धा निष्ठा को बढ़ाने की आवश्कता है गायत्री महामंत्र यह  जीवन के देवता को संवारने के लिय बहुत ही महत्व रखता है पूज्य गुरुदेव का मुख्य उद्देश्य मनुष्य में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग के अवतरण को। इस अवसर पर  अरुण पराड़कर जिला मीडिया एवं गृहे गृहे गायत्री यज्ञ उपासना द्वारा बताया की प्रातः 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में टोली के द्वारा संचालन किया जिसमे विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुआ जिसमे छोटे छोटे नवप्रवेशी बच्चों का संपन्न हुआ ।


दोपहर परम् पूज्य गुरुदेव के संदेश को लेकर आदरणीय चिन्मय पांड्या जी विराट पुस्तक मेला ,देवसंस्कृति दिग्दर्शन, नशामुक्त, पुंसवन संस्कार प्रर्दशनी का अवलोकन किया गया साथ ही दीप महायज्ञ में  अंदर के उजाले को जगाने का अवसर आया है जो हमे आत्मसात करने की आवश्कता है यह गायत्री महामंत्र हम को प्रेरणा दिलाता है। इस अवसर पर ग्राउंड में छिंदवाड़ा सिवनि, बालाघाट, बेतुल से हजारों परीजनो की उपस्थीत रही।



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