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उपन्यासकार चंद्रभान राही के मुख्य आतिथ्य में हुआ काव्यनिशा का आयोजन

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        मोहिता जगदेव

  उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा

उपन्यासकार चंद्रभान राही के मुख्य आतिथ्य में हुआ काव्यनिशा का आयोजन

म.प्र.साहित्य अकादमी से पुरस्कृत चंद्रभान राही ने अपनी उम्दा गज़लों का वाचन भी किया 

उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा :  कहानीकार श्री गोवर्धन यादव जी द्वारा उनके कावेरी नगर स्थित  आवास पर भोपाल से पधारे मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी से पुरुस्कृत बेस्ट सेलर लेखक ,हिंदी साहित्य जगत के श्रेष्ठ कृतिकार श्री चंद्रभान "राही "के आत्मीय स्वागत के साथ उनके  मुख्य आथित्य में काव्यनिशा का आयोजन संपन्न हुआ, जिसमे उनकी उम्दा गजलों का श्रवण किया गया । गोवर्धन यादव ने अपनी चार लघुकथाओं- चिंता की मकड़ी, पिता की सीख,तेल की चोरी एवं छोटी सी चिड़िया का वाचन किया। आयेजन का शुभारंभ श्रीमती अनुराधा तिवारी की सरस्वती वंदना से हुआ। दिनेश भट्ट द्वारा व्यंग्य कहानी गोमती का बसेरा और ईश्वर का वाचन किया गया । रोहित रूसिया ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में गीत "एक पंछी ढूंढ़ता है फिर बसेरा " गाया। आंचलिक साहित्यकार परिषद के सचिव श्री रामलाल सराठे ने देश की व्यवस्था पर प्रहार करते हुए अपनी रचना यूं पढ़ा कि -"भूले से भी मत आना भारत में कृष्ण- कन्हैया "। कवि ओम प्रकाश 'नयन' ने विपत्ति शीर्षक से रचना पढ़ते हुए खूब तालियाँ बटोरी ,रचना कुछ यूँ थी कि "वे आती हैं तो कांपता है दिल, थरथराता है तन ,भय से सिमट जाते हैं हम।" मोहिता मुकेश कमलेंदु ने बेटी की महत्वता को दर्शाते हुए यूं अपनी रचना सुनाई कि "प्रकृति न होती तो,सुंदर जीवन पाता कौन । नारी न होती तो,नर को जन्म देता कौन ।" अनुराधा तिवारी ने भगवान राम का गुणगान करते हुए रचना प्रस्तुत की कि  "शक्ति के स्वरूप राम ,मर्यादा के श्रीराम ,राम के गुण सदा ही गाइये "।राजेन्द्र यादव ने "पिता कहाँ कुछ कह पाता है" वर्तमान परिवेश पर आधारित रचना के प्रस्तुतीकरण के साथ ही साथ  मंच संचालन भी किया । अंत में राष्ट्र भाषा प्रचार समिति के जिला संयोजक  श्री गोवेर्धन यादब ने आभार प्रदर्शन किया।

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