जय भीम सेना ,ओ.बी.सी.महासभा ने विश्व आदिवासी दिवस पर रानी दुर्गावती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली में शामिल
छिन्दवाड़ा//उग्र प्रभा
जयभीमसेना, ओ.बी.सी.महासभा संगठन के समस्त साथियों ने 9 अगस्त 25 को विश्व आदिवासी दिवस पर खजरी चैक पंहुचकर रानी दुर्गावती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे याद किया गया,
और गोंडवाना द्वारा आयोजित सामाजिक रैली में संगठन के समस्त पदाधिकारी अपने साथियों के साथ शामिल हुये। संगठन के अध्यक्ष शिवम् पहाडे़ ने बताया कि आदिवासी सांस्कृति केवल एक जीवन शैली नहीं बल्कि प्राकृति के साथ एक सहअस्तित्व का एक अनमोल उदाहरण है। यह सांस्कृति ,पेड़ ,पहाड़ ,नदियाॅं और धरती को माँ मानकर उनकी पूजा करती है। यह परंपराऐं सिर्फ निभाई नहीं जाती बल्कि जिया जाता है उन्हें लोकगीतों में नृत्यों में त्यौहारों में और दिनचर्या में हमारे आदिवासी समाज साथ ही आत्म निर्भरता और सामूहिक परंपराओं आधारित होता है। आज जब हम आधुनिकता की दौड़ में हम अपनी जड़ों की बोलते जा रहे है तब आदिवासी सांस्कृति हमें याद दिलाती है कि सच्चा विकास वही है जो प्राकृति को साथ लेकर चलती है। जिसमें मुख्य रूप से शिवम् पहाडे़, लोधी विपिन वर्मा ,राजकुमार खड़से ,गणपत यदुवंशी ,विकास सातनकर ,पप्पू मंडराह ,दिनेश इनवाती ,बबलू कनौजे ,राकेश तेकाम ,संजय बाक्सर आदि संगठन के लोग शामिल है।