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आदिवासियों पर अत्याचार करने वाली आदेगांव की थाना प्रभारी पूजा चौकसे का मंडला तबादला, आदिवासी समाज में खुशी की लहर

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आदिवासियों पर अत्याचार करने वाली आदेगांव की थाना प्रभारी पूजा चौकसे का मंडला तबादला, आदिवासी समाज में खुशी की लहर 


नए थाना प्रभारी आशीष धुर्वे की सख्ती से जुआ–सट्टा हुआ बंद

उग्र प्रभा की मुहिम लाई रंग..!

आदेगांव थाना क्षेत्र में लंबे समय से विवादों में घिरी थाना प्रभारी पूजा चौकसे का मंडला तबादला कर दिया गया है, चौकसे पर आदिवासियों को झूठे केसों में फंसाने, उत्पीड़न करने और कुख्यात आदेगांव का सट्टा किंग (सेठ) से सांठगांठ कर क्षेत्र में जुआ–सट्टा संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगते रहे हैं, आदिवासी समाज और ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें कीं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई जिससे क्षेत्र में असंतोष और गुस्सा बढ़ता गया, आखिरकार जब चौकसे का तबादला आदेश जारी हुआ तो आदिवासी समाज में खुशी की लहर दौड़ गई और लोगों ने इसे न्याय की दिशा में बड़ी जीत बताया, 

नये थाना प्रभारी आशीष धुर्वे ने दिखाया सख्त रुख जुआं सट्टा हुआ बंद..!

वहीं दूसरी ओर नए थाना प्रभारी आशीष धुर्वे ने पदभार संभालते ही सख्ती दिखाते हुए जुआ–सट्टा पूरी तरह बंद करवा दिया और अपराधियों पर नकेल कस दी, है नये थाना प्रभारी आशीष धुर्वे के पदभार ग्रहण करने पर आदेगांव के सट्टा किंग सेठ और जुंआ किंग सहित अपराधियों में भय का माहौल है।  उनकी इस कार्रवाई से आदिवासी समाज में नई उम्मीद और विश्वास जगा है कि अब पुलिस प्रशासन जनता की सुनवाई करेगा, आदिवासियों पर अन्याय बंद होगा और आदेगांव क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था कायम रहेगी, ग्रामीणों का कहना है कि पूजा चौकसे के कार्यकाल में थाने में दलालों का दबदबा रहता था, आदिवासियों की समस्याएं अनसुनी की जाती थीं और आम जनता डर के साए में जीने को मजबूर थी लेकिन अब हालात बदल रहे हैं, लोगों का मानना है कि चौकसे का तबादला केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं बल्कि आदिवासी समाज की जीत है जिसने अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर अपनी आवाज बुलंद की और परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार और अत्याचार का प्रतीक बनी थाना प्रभारी को हटाकर सख्त और निष्पक्ष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की गई है, इस बदलाव ने आदिवासी समाज को न सिर्फ राहत दी है बल्कि पूरे आदेगांव में विश्वास और उत्साह की नई बयार बहा दी है।

उग्र प्रभा की मुहिम आदिवासी समाज की जीत पूजा चौकसे के जाते ही सट्टा किंग का काला खेल हुआ बंद...!


आदेगांव थाना क्षेत्र की विवादित थाना प्रभारी पूजा चौकसे का मंडला तबादला कर दिया गया है। चौकसे पर लंबे समय से आदिवासियों पर अत्याचार करने, झूठे केस दर्ज करने  आदिवासी समाज लगातार शिकायतें करता रहा लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी बीच गोंडवाना समय ने आदिवासियों पर थाना प्रभारी पूजा चौकसे द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ एक सशक्त मुहिम छेड़ी और सच को सामने लाया, इस मुहिम का ही असर रहा कि प्रशासन को चौकसे का तबादला करना पड़ा। तबादले की खबर फैलते ही आदिवासी समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं बल्कि न्याय की दिशा में ऐतिहासिक जीत है। 

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान – आदेगांव थाना की पूर्व प्रभारी पूजा चौकसे और सटोरिया की पत्नी ने किया था  पत्रकार पर छेड़छाड़ का झूठा केस :

आदेगांव थाना क्षेत्र की विवादित पूर्व थाना प्रभारी पूजा चौकसे  और आदेगांव के सट्टा किंग ( सेठ )सटोरिया की पत्नी द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी पत्रकारों का अपमान किया गया था, उग्र प्रभा की मुहिम से परेशान होकर, चौकसे और सट्टा किंग (सेठ) की सांठगांठ उजागर हो रही थी, पत्रकारों को चुप कराने के लिए झूठे केस बनाए गए। मामला इतना गंभीर रहा कि पत्रकार पर छेड़छाड़ जैसे संगीन अपराध की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कर दी गई। पत्रकार समाज का कहना है कि यह केवल व्यक्तिगत रंजिश नहीं बल्कि लोकतंत्र की नींव पर हमला है, क्योंकि पत्रकार जनता की आवाज़ उठाते हैं और सच्चाई सामने लाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरी साज़िश पत्रकारों को डराने और उग्रप्रभा  समय की कलम को रोकने के लिए रची गई थी। लेकिन सच दबाया नहीं जा....

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