Type Here to Get Search Results !

कथानाट्य दो बैलों की कथा ने दिया मानव ओर पशु धन के आत्मीय रिश्ते का संदेश

0

          मोहिता जगदेव

   उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा 

कथानाट्य दो बैलों की कथा ने दिया मानव ओर पशु धन के आत्मीय रिश्ते का  संदेश 

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जन्म जयंती पर उनकी बहुचर्चित कहानी दो बैलों की कथा का सीन वर्क तैयार किया

उग्र प्रभा समाचार, छिन्दवाड़ा

    हिन्दी साहित्य के विश्व प्रसिद्ध कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की जन्म जयंती पर जिले की रंग संस्था ओम मंच पर अस्तित्व के रंगकर्मियों ने उनकी बहुचर्चित कहानी दो बैलों की कथा का सीन वर्क तैयार किया। ज्ञातव्य हो कि संस्था द्वारा प्रतिवर्ष इस उपलक्ष में मुंशी जी को सृजनात्मक श्रद्धांजलि देने का क्रम सतत जारी रखा है। संस्था के वरिष्ठ कलाकार फैसल अफ़रोज कुरैशी ने बताया कि इस वर्ष संस्था द्वारा एक नवाचार किया जा रहा है जिसके तहत पाठ्यक्रम आधारित मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियों को तैयार कर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए मंचित किया जाएगा ताकि वे पाठ्यक्रम में दी गई कहानियों को न केवल अपनी कक्षा में पढ़ेंगे वरन उसके मंचन के माध्यम से बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।साथ ही माननीय प्रधानमंत्री महोदय की मंशा को एक पेड़ मां के नाम अभियान को वृक्षारोपण के माध्यम से सफलीभूत करने में अपना योगदान देंगे।


नाटक के निर्देशक और नाट्य रूपांतरकार वरिष्ठ रंगकर्मी विजय आनंद दुबे ने बताया कि प्रस्तुत कहानी हाईस्कूल के गद्य खण्ड में संकलित है अतः इसे कथानाट्य के रूप में तैयार किया जा रहा है। कथानाट्य में संस्था की युवा अभिनेत्री पलक टेखरे , फैसल कुरैशी, समशुन्निशा कुरैशी,धीरज डेहरिया, विजय सोलापुरे,बाल कलाकार अनन्या विश्वकर्मा सहित विजय आनंद दुबे ने भी अपनी अभिनय कला का प्रस्तुतिकरण किया।नाटक का संगीत नरेंद्र चंदेल मंच व्यवस्था श्रीकांत द्विवेदी मेकअप सुनीता लोमटे और स्वस्ति द्विवेदी ने किया और नाटक का सीनवर्क ओम थियेटर स्टूडियो में मंचित किया गया। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष राजेंद्र आचार्य ने बताया कि इसके पूर्व में संस्था के इन कलाकारों ने विश्व धरोहर गेटी थियेटर शिमला में ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन शिमला के आयोजन में नाटक-पाँचवां पराठा की भावभीनी प्रस्तुति दी थी और आज मुंशी प्रेमचंद को दी गई नाट्यांजलि में दो बैलों की कथा का सीन वर्क तैयार किया गया।  जिसमें अभी हाल में ही हर्रई में नदी में आई बाढ़ में बहते हुए बैलों को बचाने हेतु उफनती नदी में एक किसान ने द्वारा छलांग लगाने की घटना से जुड़कर आज भी पशुधन और मानव के बीच के स्नेहिल संबंधों को अभिव्यक्त करती है।

===========

Post a Comment

0 Comments