मक्का बीज कीमत ने किसानो की बढाई टेंशन बीज कंपनी और विक्रेताओ के मनमानी रेट
छिन्दवाड़ा //उग्र प्रभा
खरीफ फसल बोनी की तैयारी में किसान खेतो की जुताई कर मृग लगने के साथ मानसून के इंतजार में बैठा है छिंदवाड़ा जिले में अधिकत्तर रकबा में किसान मक्का की खेती करता हैं मक्का बीज कंपनी प्रति बर्ष किसानों का खून चूसने का काम कर रही है। चार किलो के मक्का बीज पैकेट बीज विक्रेता 1900 से लेकर 2100 तक रुपये में बेच रहे हैं। प्रति किलो 500 रुपये के हिसाब से किसान को मजबूर होकर खरीदना पढ रहा है।बीज उत्पादन कंपनी की मनमानी कहे या बीज विक्रेताओ का लालच जो अधिक मुनाफा कमाने के लिए प्रति पैकेट दर से अधिक रेट पर मार्केट में बेचा जा रहा है। पायनियर,सें लेकर एडवांटा, टाटा, सी पी कंपनी ने मक्का बीज का रेट पिछली बर्ष की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक बढाकर किसानो का खून चूसने का काम कर रही है। किसान 500 रुपये किलो का बीज लेकर 20 रुपये किलो में बेचने को मजबूर रहता है। किसान हमेशा बीज भी विक्रेताओ के रेट में खरीदता है और फसल भी व्यापारी के रेट पर बेचता है। बेचारा किसान दर दर का मारा है। एक और सरकार किसानो को पर्याप्त उर्वरक खाद की बात करती दूसरी और किसानों को उर्वरक खाद खरीदने के लिए दो बजे रात से 5 से 10 बोरी खाद के लिए गोदामों मे महिला पुरुषो को लाईन लगना पढ रहा है। एक दिन टोकन लेने और दूसरे दिन खाद लेने आना पढ रहा है। हर तरफ से किसानो को चूसा जा रहा है। न किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानो की चिंता जाहिर करते हुए अच्छा बीज बुलाया जा रहा है जिससे बाजार से कम रेट पर किसानो को उपलब्ध कराया जाय न बाजारों पर अधिक कीमत बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। विक्रेता मनमानी रेट पर किसानो को मक्का बीज बेंच रहे है। कंपनी पर जिला में अधिक कीमत बिक्री वाले बीजों पर प्रतिबंध लगाकार कार्यवाही कर किसानो के हित में किफायती कीमत में अच्छा उत्पादन वाला बीज बाजार एवं विभाग में लाकर उपलब्ध कराना चहिये। जिससे किसानो को काफी हद तक राहत मिल सकती है। पायनियर एडवांटा टाटा सीपी तमाम महंगे बीज बेचने वाली कंपनियों पर जिला में लगाम लगाकर बेदखल कार्यवाही करना चहिये। तब जाकर बीज कंपनीयो की नींद खुलेगी।
बीज विक्रेता किसानो को नही देते पक्की रसीद
बीज कीटनाशक नींदानाशक दवा विक्रेताओं द्वारा किसानो को बीज दवा खरीदने पर पक्का बिल नही दिया जाता बल्कि साधारण कागज पर हिसाब बनाकर दिया जा रहा है। विक्रेता अपनी सजगता के साथ व्यापार कर रहा है। किसान का मक्का खेत में उगे या न उगे खरपतवार दवाई से मरे या न मरे विक्रेताओ को दाम से मतलब है। जब किसान के पास खरीदी रसीद पास मे नही रहेगी तो विक्रेता पर डुप्लीकेट बीज और दवा बेचने का आरोप कैसे लगा सकता है इसलिए विक्रेता टेक्स चोरी और डुप्लीकेट खपत के कारण किसानो को पक्का बिल न देकर रफ कागज मे हिसाब बनाकर पकडा रहे है।
किसान भाईयो को सजग और जागरुक होना चहिये हर एक छोटी बडी खरीदी पर दुकानदार से पक्का बिल लेना चाहिए न देने पर अधिकारियों से तत्काल शिकायत करना चहिये।
जब किसान भाईयो के पास पक्का बिल मौजुद रहेगा। बीज का खेत मे न उगने या दवा छिड़काव का रिजल्ट न मिलने पर संबधित विक्रेता और कंपनी की शिकायत बिल के आधार उप संचालक कृषि को करके संबधित कंपनी पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के साथ मुआवजा का लेने का हक है। लेकिन किसान का जागरुक न होना विक्रेताओ और कंपनी के लिए फायदेमंद है।
पिछले बर्ष पायनियर कंपनी पर नरसिंहपुर जिले में हुई थी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही
किसान भाई आपके अधिकारों को आप तक पहुचाने के लिए उग्र प्रभा समाचार मुहिम लाया है हर एक किसान को छोटी बडी खरीदी पर पक्का बिल दुकानदार से लेना अनिवार्य है न देने पर तत्काल उप संचालक कृषि को शिकायत करना है। पिछले बर्ष नरसिंहपुर जिले के किसान ने पायनियर मक्का बीज खरीदा और अपने खेत मे बुआई कर दिया मक्का डुप्लीकेट था खेत में मक्का नही उगने पर किसान ने पायनियर बीज कंपनी जव दुकानदार की शिकायत उप संचालक कृषि नरसिंहपुर सें की। उप संचालक द्रारा टीम के साथ किसान के खेत का निरीक्षण किया गया और पाया गया डुप्लीकेट बीज होने के कारण नही उगा। उप संचालक कृषि नरसिंहपुर द्रारा पायनियर कंपनी पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर कंपनी को जिला से बेदखल किया गया। इसी प्रकार छिंदवाड़ा के किसानो को जागरुकता का परिचय देना है।
समितियों मे 15 दिनो सें यूरिया नही मिल रही किसान हो रहे परेशान
अमरवाड़ा - सेवा सहकारी मर्यादित समितियों में 15 दिनो सें यूरिया किसानो को वितरण नही हो रही है। किसानो के परमिट कटने के बाद यूरिया उर्वरक के इंतजार में किसान बैठा है। बताया जा रहा है समितियों मे यूरिया पर्याप्त मात्रा में नही भेजने के कारण किसानो को वितरण नही किया जा रहा है सिर्फ अमरवाडा नगर में दो नगद बिक्री केन्द्रो से खाद उर्वरक वितरण किया जा रहा है। जिसके लिए किसानो को दो बजे रात सें टोकन प्राप्त करने के लिए लाइन लगना पढ रहा रात से लेकर दिन भर भूखे प्यासे इंतजार के बाद पांच से दस बोरी उर्वरक का टोकन मिलता। उसके बाद किसानो को अन्य दिनो पर खाद लेने के लिए अलग सें जाना पढ रहा जब जाकर नगद बिक्री केन्द्रो में उर्वरक मिल पा रही है।
इस सबंध पर कृषि अनुविभागीय अधिकारी सें फोन पर यूरिया की कमी को लेकर पूंछा गया तो बताया गया यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तब कहा गया समितियों में वितरण नही हो रही न होने के कारण तब कहा गया। दो दिन में पहुंच जायेगी। लेकिन सप्ताह बीत चुका लेकिन यूरिया नही पाई।इन्ही अव्स्थाओं के कारण अमरवाडा में किसानो के द्वारा नेशनल हाइवे से लेकर अन्य जगह विरोध दर्ज कराकर चक्काजाम जैसी परिस्थितियों को उत्पन्न कर विरोध दर्ज कराना पढता है।