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अमरवाडा विकासखंड में हैंडपंपों की हालात खराब कई महीनों से पढे बंद जलजीवन की मलाई में अधिकारी त्रस्त

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 अमरवाडा विकासखंड में हैंडपंपों की हालात खराब कई महीनों से पढे बंद जलजीवन की मलाई में अधिकारी त्रस्त 


अमरवाडा //उग्र प्रभा

जल जीवन मिशन के आने से आम जनता को कम राहत मिली लेकिन प्रभारी सहायक यंत्री  उपयंत्री ठेकेदारों को ज्यादा राहत मिली। जल जीवन मिशन के आने के बाद गांवो में लगे हैंडपंपों की सूध लेने वाला कोई बचा ही नही है। सब मिशन के पीछे अपना मिशन पूरा करने में लगे हैं। हैंडपंप बिना बिजली के चलने वाले पंप है जो चलते राहगीर या बिजली न रहने पर पानी उपलब्ध कराते हैं। लेकिन मिशन के आने के बाद गांवो में लगे हैंडपंपों की और ध्यान दिया जा रहा न रिपेयरिंग किया जा रहा वाटर लैवल न होने की बात कहकर उनमे पाईप लाइन भी नही बढाया जा रहा है। कई महीनों से बंद पढे है पंप जो कभी चलते राहगीरों को पानी पिलाया करते थे। जल जीवन मिशन के नाम की लूट मची हुई है जितना लूट सको लो लूट लो कही पानी टंकी शोभा की सुपारी बनी हुई तो कही पाईप लाईन बिना पानी के शोभा बढा रहे है। और सहायक यंत्री उपयंत्री ठेकेदार मेवा खा रहे हैं। धसनवाड़ा में लाखो की पेय जल टंकी का निर्माण हुआ लेकिन टंकी से आज तक हर घर पानी नही पहुंचा यह विभाग की पोल खोल खबर है। कुछ आदिवासी बस्तियों में जल जीवन मिशन के तहत पाईप लाईन बिछाते समय गहराइयों का ध्यान नही रखा गया कडक मुरम पत्थर बोलकर 12 इंच मे ही पाईप लाईन बिछा दी गई। और उपयंत्री के द्वारा पास करके बिल पास कर दिया गया है। जब तक निछले कर्मचारी  को उच्च पद अधिकारी का प्रभार देकर काम कराया जायेगा तब तक व्यावस्था और अनियमितता देखने को मिलते रहेगी। आज नर्स गायनिक नर्सिग अफिसर बन गई कंपाउंडर डाँक्टर बन गया है डाँ सर्जन बन गया है इसी प्रकार उपयंत्री सहायक यंत्री बन गया सहायक यंत्री कार्यपालन यंत्री बन गया और कार्यपालन यंत्री अधीक्षण और चीफ इंजीनियर बन गया है। यह पद भरे जा रहे हैं या व्यावस्था बनाने के नाम पर सरकार इनको प्रभार देकर अपनी व्यावस्था बना रही है। जहा जो पद सृजन है वहा पर उसी पद पर चयन अधिकारी को क्यों नही बैठाला जा रहा है।

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