समाज के लोग अपनी बलिकाओं को शिक्षा, अवसर और सम्मान दे -"पूर्व राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके”
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह हर्षोल्लास से सम्पन्न
छिंदवाड़ा //उग्र प्रभा //
सुश्री उइके आज छिन्दवाड़ा शहर के अहिल्याबाई होलकर वाटिका में धनगर,पाल-गडरिया आदि समाज संगठनो के तत्वधान में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जन्म जयंती समारोह को मुख्य आतिथि के रूप सम्मिल्लित हुई | इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन, महिलाएं, युवा एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे । पूर्व राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा की लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन न्याय, करुणा, नीति और लोककल्याण की भावना से ओतप्रोत रहा। उन्होंने शासन और समाज में धर्म, न्याय और सेवा को एक नई दिशा देते हुए ऐसा अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत किया, जो आज भी प्रशासन, राजनीति और सामाजिक जीवन के लिए मार्गदर्शक बना हुआ है। उनकी निर्णय क्षमता, जनहित के प्रति संवेदनशीलता और सर्वधर्म समभाव की नीति आज भी देश के नीति-निर्माताओं और समाजसेवकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उन्होंने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि एक महिला भी करुणा, विवेक और न्याय के साथ एक संपूर्ण राज्य का संचालन कर सकती है।" उन्होंने कहा की हमें सिर्फ जन्म जयंती नहीं मनाना है बल्कि लोकमाता के विचारो को जीवन में अपनाना है उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि महिलाएं शिक्षा, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व में आगे आएं। उन्होंने समाज के सभी लोगो से आग्रह किया की वे अपनी बलिकाओं को शिक्षा अवसर और सम्मान दे, तभी हम सच्चे अर्थों में अहिल्याबाई होलकर की विरासत को आगे बढ़ा सकेगे ।