मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
"बिना पारदर्शी नजरिए के ऊर्जा प्रारब्ध निर्माण नहीं करती है": प्रो. अमर सिंह
" अनपेक्षित मेहनत मनमुताबिक नसीब को हासिल कराती है ": प्रो मुकेश कुमार ठाकुर
"चरम प्रयासों से निजी संभावनाओं को विकसित करना कैरियर है": प्रो. अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार चौरई, छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चौरई में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा स्वयंसेवकों के लिए "ऊर्जा के रचनात्मक उपयोग से कैरियर निर्माण" विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता बतौर बोलते हुए शासकीय महाविद्यालय चांद के प्रेरक वक्ता प्रो अमर सिंह ने कहा कि जीवन अथाह आत्मविश्वास से अंतर्निहित संभावनाओं को चरम पर पहुंचाने का मिशन है। लक्ष्य को पारदर्शिता से न देख पाने की नाकामी से व्यक्ति वांक्षित प्रारब्ध का निर्माण नहीं कर पाता है। हमारे नजरिए में उड़ान भरने की ऊंचाई हेतु आवश्यक ऊर्जा छिपी रहती है। स्वयं को समग्रता में जानना जीवन पर्यन्त का संघर्ष है। पूर्ण निपुणता हासिल होने के एहसास की कमी हमें सदैव संघर्षरत रखती है। प्रो. मुकेश कुमार ठाकुर ने कहा कि हम अपनी बेशुमार मेहनत से अपने नसीब को मनमुताबिक बना सकते हैं। हमारे अंदर जितना खालीपन होगा, उसे उतना ही भरने की ललक हमारे अंदर से प्रज्जवलित होगी। अहंकार सीखने पर विराम लगा देता है।
खालीपन को भरने की भूख कैरियर निर्माण करती है": प्रो. अमर सिंह
काम में मिली सफलता दूसरे काम को करने के लिए उल्लास लाने का काम करती है :प्रो.मनोज कुमार माहोरे
रासेयो अधिकारी प्रो. मनोज कुमार माहोरे ने कहा कि विनम्रता प्राप्त करने की पात्रता को विकसित करती है। एक काम में मिली सफलता दूसरे काम को करने के लिए उल्लास लाने का काम करती है। प्रो. चंद्रशेखर उसरेठे ने कहा कि व्यक्ति बिना उत्साह अपनी अधिकांश रचनात्मक ऊर्जा नष्ट कर देता है। अपना अधिकतम देने के लिए स्वयं की यथार्थ पहचान आवश्यक है। प्रो रामकुमार उसरेठे ने कहा कि शिक्षा लोक व्यवहार में स्वयं ज्यादा से ज्यादा प्रयोग के लिए बनी है। कौशल के अधिकतम इस्तेमाल से हमारे जीवन मूल्य के सदैव बढ़ते हैं, फिर पैसे, पदवी और आदर जीवन यात्रा के सहपथिक बन जाते हैं।

