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शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पांजरा में "एक इंसान की अधिकतम ताकत "पर कार्यशाला

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संवाददाता - मोहिता जगदेव

उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा

" मेहनत वहीं जो मजाक उड़ाने वालों को खून के आसूं से रुलाए ": प्रो. सिंह 

" मेहनत आदत बने तो कामयाबी मुकद्दर बन जाती है ": प्रो. सिंह

" मुसीबतें जिंदा इंसान के सामने, मुर्दा के लिए सब रास्ता छोड़ ते हैं": प्रो. सिंह

"नसीब कमज़ोर तो क्या, इम्तिहान जबरदस्त होने चाहिए ": प्रो. सिंह 

"ईश्वर मजबूत कंधों वाले इंसान को ही जिम्मेदारी देता है": प्रो. सिंह

उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा: शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पांजरा चांद में "एक इंसान की अधिकतम ताकत" विषय पर आयोजित कार्यशाला में छात्रा को प्रमुख वक्ता बतौर छात्रों को संबोधित किया हुए संबोधित करते हुए प्रेरक वक्ता प्रो. अमर सिंह ने कहा कि कोई लक्ष्य हमारे साहस से बड़ा नहीं होता है। हारता वही है जो लड़ता नहीं है। रुकावटें, मुसीबतें जिंदा इंसान के सामने आती हैं, मुर्दा के लिए तो सब रास्ता छोड़ देते हैं। आज का दर्द कल की जीत होती है। जीतने के लिए समझदार नहीं, सनकी होना पड़ता है। ईश्वर जिम्मेदारी उसी को देता है, जिसके कंधों में उसे सहने की क्षमता होती है। मेहनत आदत बन जाए तो कामयाबी मुकद्दर बन जाती है। कामयाब फैसले से दुनिया बदलते हैं और नाकामयाब दुनिया के डर से फैसले बदल लेते हैं। जितना कठिन संघर्ष होगा, कामयाबी उतनी शानदार होगी। दुनिया घुटने टेक देती है, बस हौसला बुलंद होना चाहिए। नसीब कमज़ोर हुआ तो क्या हुआ, इम्तिहान हमारे तो जबरदस्त हैं। मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे। जुगनू कभी भी दूसरे की रौशनी के मोहताज नहीं होते हैं। मान ली तो है, ठान ली तो जीत। छोटी उड़ान पर फड़फड़ाना हमारा काम नहीं है, हम आसमां चीरकर बैठे हैं। आशावादी हर आफत में अवसर और निराशावादी हर आफत में बहाने ढूंढ लेता है। समस्याएं सताने नहीं, सिखाने के लिए आती हैं। याद सिर्फ उनको किया जाता है, जिन्होंने सत्य की परवाह की है। जिसको सत्य प्रिय हो, उसे लोकप्रियता से कोई मतलब नहीं होता है। जो विद्रोही नहीं हो सकता है, वह आध्यात्मिक भी नहीं हो सकता है। साहसी और निर्भीक हुए बिना अपनी ठसक में नहीं रहा जा सकता है। सब कुछ अंदर ही होता है, अगर अनचाहा अतिरिक्त को हटा दो तो मूल ही रह जाता है। हम सब एक क्रमिक विकास के परिणाम हैं। स्वयं को चट्टान जैसा मजबूत कर, खेल को बीच में छोड़ने की आदत मत डाल। अपनी औकात दिखाओ, खुद की नजर में गिरकर मत सो। तेरे नाम का शोर इतना हो कि लोग तुझसे मिलने को तरसें। कामयाबी की कहानी के लिए मन को मजबूत करना पड़ता है। कुछ ऐसा कर दिखा कि जो तेरे पर हंसते थे, वे खून के आंसू से रोएं।  प्राचार्य अभिषेक रघुवंशी ने कहा कि दिमाक में जूनून जगाकर कामयाबी का बादशाह बन। तेरा जन्म एक प्रेरणा के लिए हुआ है।

अंकित शुक्ला ने कहा कि तेरे भले को तुझे ही सोचना होगा, कोई और इस काम को क्यों करेगा। एम. डी. यादव ने कहा कि अफसोस मत कर, खुद को कोसना बंद कर, आगे बढ़ने कुछ खास करना होता है। हम उन खुशनसीब लोगों में से हैं, जो जहर के काफी करीब थे। शांति डहेरिया ने कहा कि दमदार शुरूआत कर, तेरी जीत के किस्से दुनिया की जीभ पर होंगे। जिसे चुनौतियों ने अंदर से तोड़ा है, वह विजय के काफी करीब है। शिक्षक जे.एल. परतेती ने कहा कि अपने वजूद के टूटे टुकड़ों को जोड़कर स्वयं को फौलादी बनाओ। आपको जवाब उनको देना है जिसने तेरे सपनों का मजाक उड़ाया है। सफर में आखिरी तक टिके रहो।

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