उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा
आलेख -
प्रो.अमरसिंह
बिना स्वयं की मदद किए आंतरिक अराजकता के खिलाफ जंग नहीं जीती जा सकती है। तात्कालिक खुशी की चाहत कभी भी स्मार्ट निर्णय लेने के लिए आदर्श स्थिति नहीं होती है। बीता कल के फॉर्मेट में बंधकर आज के विजेता बनने के ख़्वाब छोड़ दो। जीवन परिस्थिति से ज्यादा लिए गए निर्णयों से साकार होता है। जीवन पैसों से नहीं बदलता है, हम इसे बढ़ा चढ़ा कर दिखाने लगते हैं। जिसके पास मन की शांति नहीं है, उसके पास दूसरों को परेशान करने के लिए वक्त की कोई कमी नहीं होती है। हम उसी नज़र से देखते हैं जिसका उल्लेख कर सकें, जो देखते हैं, उसका उल्लेख नहीं करते हैं।
तानों से बड़ा कोई प्रेरक कारक नहीं है। विलासिता की मेंटिनेंस कोस्ट बहुत होती है किंतु सत्य और सरलता बिना किसी कोस्ट के स्वयं मेंटेंड है। हमारे हर कर्म का एक खाता है, उसमें निवेश करते रहिए। कर्म में डूबे रहने से कमियों की नाखुशी कभी नहीं सताएगी। औरों के हित जीने और मरने वाले का हर आंसू रामायण है, और हर कर्म गीता है। अधूरा काम समय की बर्बादी है और मन की उदासीनता। अपमान की अग्नि में परिश्रम का घी डालिए, महत्वाकांक्षा को बुझने मत दीजिए, परिणाम चकित करने वाले होंगे। जो जितना घिसेगा, वह उतना चमकेगा। समय पर नियंत्रण ताकत और खुशी देता है। लोगों से काम लेने या प्रोडक्ट बेचने का एक ही तरीका है, या तो प्रेरित करो या चालाकी से दबाव बनाओ।
किसी को भी हक मत दीजिए आपके जीवन को नियंत्रित करने का। हमेशा लम्हों में जिओ, न भूत में, न भविष्य में। हराम की कमाई से शक्लें तो सुधर सकती हैं, पर नस्लें नहीं। भविष्य आदतों के कंधे पर सवार होकर आता है। अनुरूपता हमारे वृद्धि की सबसे बड़ी दुश्मन है। आगे बढ़ने की कोई सीमा नहीं होती है, सिवाय जो हम बनाते हैं हम दुश्चक्र खुद बनाकर खुद ही फसते हैं और वक्त की बर्बादी के शिकार होते है। आदतों के छोटे छोटे बदलावों से चमत्कारिक परिणाम आते हैं। जो वक्त से आगे चलते हैं, वे क्रांति लाते हैं, और गुनहगार भी माने जाते हैं। खुद की जमीन पर बनाई नींव पर विकास का महल खड़ा करो।। गैरों के कंधे इस्तेमाल कर ज्यादा दूर नहीं जाया जा सकता है।
पीड़ा की अपनी ऊर्जा होती है जिसको महान लोग रचनात्मक कार्यों को करने में रूपांतरित कर लेते हैं। प्रेम, करुणा, परहित और सेवा के जरिए चेतना को मनचाही ऊंचाई दी जा सकती है। अहम की रजाई ओढ़ अपना सत्यानाश आसानी से किया जा सकता है। समुद्र के किनारे बैठ कोई भी अच्छा गोताखोर नहीं बन सकता है। सफलता के लिए समन्वय जल समान होना चाहिए, जिस बर्तन में डाला जाए, उसी का आकार ले लेता है हर पल दिव्यता भरा है, कोई भी वक्त बेवक्त नहीं होता है। हम ऐसे जिएं जैसे कि भगवान ने अवतार लिया है, किसी बहुत बड़े उद्देश्य की पूर्ति हेतु। वैमनस्य आंतरिक अयोग्यता होती है। मन को मंदिर मान बुद्धि के हवनकुंड में समस्त विकारों को स्वाहा करें।
शिक्षक सनातन सांस्कृतिक विरासत का संरक्षक होता है। प्रेम कर्म के बीच अनोखा आराम होता है। मौत की सुनहरी चाबी से शाश्वत महल के द्वार खुलते हैं। वक्त को जख्मों का मरहम बनाकर किसी भी आपदा से जूझा जा सकता है। आदमी जंगल से बाहर तो आ गया है किंतु अंदर के जंगल को बाहर नहीं फेंक पाया है। सभी कौशल सीखे जा सकते हैं, कोई भी पूर्व निर्धारित, नियोजित और जनित नहीं है। वर्तमान में गहनता से विचरण करना चाहिए, सतही होना घातक है। डर हमारी कामना से जुड़ा है। हम घरौंदे में कैद होकर सीमा में बंध जाते हैं। अंधविश्वास डर की जमीन पर पनपता है। जिम्मेदारी से भागने की फिराक में बहाना बनाए जाते हैं। हमारी शीतल बौद्धिक घृणा हमें क्रांतिकारी बनाती है।
परदोष मढ़ना बचने का सरलतम उपाय है। जब दुनिया तुम्हारा मजाक उड़ाए, तब अद्भुत करने की ठान लो।
अगर नर है तो जिंदगी की नाक में दम कर दे। न जाने क्यों लोग सिर्फ जीवित रहकर पूरी दुनिया पर अहसान करते हैं। सभी युद्ध स्त्री की देह पर लड़े जाते हैं।अहंकार जीत की छत उड़ा देता है। बहुत कुछ बनने को बहुत कुछ मिटाना भी पड़ता है। जीवन का हर झटका बहुत कुछ सिखाता है, इनसे पार निकल जाना ही पुरुषत्व और नारीत्व है। अंतःप्रेरणा से अक्षय ऊर्जा पैदा होती है। बुलंदियां छूने से पहले हमें दुनिया के द्वारा कष्टों के गर्त में धकेल दिया जाता है। हमें अपने लक्ष्य को लेजर बीम की तरह भेदना चाहिए। कहर के वैश्विक क्रंदन से मानवता को जीने की एक नई दिशा मिलती है। जहां अश्रुओं के सागर बहते हैं, वहीं संवेदनाओं की अकूत गहराई मिलती है। बड़े बदलाव के लिए दिमाक को खुला छोड़ना पड़ता है।
बेवजह काल्पनिक दुःख की गठरी ढोते रहने से जीवन नाहक गुजर जाता है, जबकि दुख स्वसोच जनित प्रतिक्रिया होती है। महान लोग आत्मकामी होते हैं, पागल समझ लिए जाते हैं, किंतु रचनात्मकता भी तो यहीं से निकलती है। शांत समुद्र दक्ष तैराक नहीं बनाते हैं। बुरे वक्त की बेहतर तैयारी अच्छे वक्त को लाने की सीधी जिम्मेदार होती है। रक्षात्मक होने की बजाय आक्रामक होना जरूरी है, किंतु ईमानदारी का दामन नहीं छूटना चाहिए। जिनमें दर्द को पचा लेने की दुर्लभ क्षमता होती है, वे ही हवा का रुख बदलने के करिश्माई व्यक्तित्व होते हैं। यदि यकीन सुदृढ़ हैं, संकल्प पुनीत हैं और इरादे नेक हैं तो कुछ भी असंभव नहीं है। आफतें ईश्वर की चेतावनी होती हैं। मेहनत का चौका किस्मत का मौका होता है।अधिकतर समस्याएं हमारी प्रतिक्रिया से पैदा होती हैं।
जिंदगी टक्कर के खिलाड़ी से खेलती है। भाग्य निज बचाव की धार्मिक घोषणा होती है। ठोकर खाकर तारों पर खड़ा हुआ जा सकता है। बेरोजगारी और निकम्मेपन में अंतर है। सौंदर्य अहसास व्यक्ति को बूढ़ा नहीं होने देते हैं। बिना दुख के आध्यात्मिक यात्रा शुरू नहीं होती है। हे भगवान मुझे अपने से बचाओ। अमीरी खर्चे आविष्कृत करती है। प्रेम सृजन का इत्र होता है। जुनून सफलता का ईंधन होता है। डर काम से नहीं, सोचने से होता है।
निर्विचारिता ही ध्यान है, जिसमें स्वयं को खाली कर अपार ताकत की संभावनाएं उपजती हैं। हर एक को किसी एक क्षेत्र में सबका बाप अवश्य होना चाहिए। जिसे ठोकरें चलना सिखाती हैं, उसे गिराना मुश्किल होता है। भूख से बिलबिलाते बच्चे सपने बहुत देखते हैं।
सटीक पारदर्शी विचार भूचाल लाते हैं। खुद में खुदा ढूंढना हो प्रेम है। सही काम में डूबना ही प्रार्थना है। मिलो सबसे, घुलो चुनिंदा से। विचार असीम बल के रहस्य होते हैं। जो परोपकार में दो, वही दान है। मेहनत के आगे किस्मत की कोई औकात नहीं है। नसीब निर्माण की भी योजना, रणनीति और युक्ति होती है रिश्ते नेह नीर बरसाते हैं। भाषा जीवन धारा में बहने की प्राणवायु होती है। पिता परवाह फरिश्ता होता है। बेटियां आनंद की सततवाहिनी नदी होती हैं। योग दिव्य शक्तियों का संचार करता है। संप्रेषण कौशल एक साधना है जिससे सारा संसार सध सकता है। दुनिया के लिए दिव्य शुभेच्छा का महासागर खोल दो, इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है।शब्द सृजन सुरभि होते हैं, इनसे विश्व महक सकता है।फिक्र की होली जला देना होगा। युवा कर्मसिद्धि का तूफान बन खुद को साबित कर सकते हैं।
शहीद त्याग के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण होते हैं, जिनकी कुर्बानी याद कर राष्ट्रनिर्माण के जनहितकारी काम करने की आत्मशक्ति मिलती है। बच्चों से जीवन भर बचपन में कैसे रहें, सीखा जा सकता है। अवसाद दुर्बलता की औलाद होती है।गरल पीने के शौकीनों को भोले के सुधा वरदान मिलते हैं। मुश्किलें काबिलियत परीक्षण की प्रयोगशाला होती हैं। गरीबी जुल्म ढाने की जालिम होती हैं, जिसे यत्नपूर्वक अमीरी प्राप्ति हेतु हथियार बनाया जा सकता है। प्रतिभा होती तो जन्मजात है, पर उसको परिश्रम से कितना भी बढ़ाया जा सकता है। कभी कभी अभिमन्यु की तरह मौत निश्चित होने पर भी लड़ा जाता है स्वाभिमान की खातिर। नारी धरा का दिव्य आभूषण होती है। आजादी का मतलब नियंत्रित व्यवहार है।आजकल तकनीक से भी तकदीर बदली जाने लगी है।
इतिहास रचने वाले हालातों पर रोया नहीं करते हैं।अगर तालीम कारगर है तो यह हर मर्ज का मरहम है।प्रयासों की ऊंचाई से नसीब झुकते हैं। वैचारिक तबाही से निकलने के भरसक प्रयास होने चाहिए। आज सही वक्त है कि स्त्री अपनी सामर्थ्य के दिव्य सोपानों पर अपने कदम रख अपनी उत्कृष्टता साबित करे। अविद्या सभी दुखों का मूल होती है। वैधव्य की भी अनोखी गाथा बन सकती है, बशर्ते कि पात्र अपनी निजता की रौशनी बिखेरना शुरू करे। बेफिक्र होकर ऊंचाई की उड़ान भरने में ही जीवन की सार्थकता है। इच्छाशक्ति के ब्रह्मास्त्र से कठोरतम वज्र को काटा जा सकता है। कर्मों के तूफान से भाग्य के दरवाजे पर सिर पीटने से बचा जा सकता है।संवाद के पुल से उलझन की नदी को पार किया जा सकता है। अभागों के आंसुओं को पौंछकर करुणा का सागर उड़ेला जा सकता है।
वक्त बादशाहों को भी दरबान बना देता है। हर पल का सही निवेश करना चाहिए। सही विचार सफलता के कच्चे माल होते हैं। जब आग आत्मा में लगती है तो विजयश्री धड़ाम से हमारे पैरों गिर पड़ती है। आजाद पक्षी से उड़ने में कुछ नहीं लगता है, नेक सिर्फ सोच के सिवा। स्त्री संपूर्ण कायनाद की संरक्षिका होती है। आंतरिक योग्यता धारण की पात्रता जब बढ़ती है, तब सच्ची खुशी मिलती है। पीड़ाओं के सफर का करुणागान प्रेरणापुंज होता है। अवरोधों को प्रगति के रास्ते से पसीने बहाने वालों पर कृपालु की कृपा बरसती है। शिव शंकर, कृष्ण की मीरा और वक्त का सम्राट बनने के लिए दुनिया का जहर पीना पड़ता है। हर गुरु से ब्रह्मज्ञान के माधुर्य के परमानंद को दूसरों में प्रकाशित करने की अपेक्षा की जाती है।
मुश्किल दौर से निकलने के लिए पूर्व में बने सोच के सांचों को तोड़ना पड़ता है। वक्त की मार होश में आने की सबसे कारगर औषधि है। कलम को शोषक रावण की कथा अवश्य लिखनी चाहिए। बादशाह बनकर बाजी पलटने की चतुराई हमें आनी चाहिए। जब हमारे कारनामे निकृष्ट, अनैतिक और अप्राकृतिक होंगे तो विचलित प्रकृति की मार क्या किसी और पर पड़ेगी।न जाने क्यों आदमी के फरिश्ता बनना छोड़ दिया है, खुदा ने भेजा तो था उसे इसी मकसद से। विशुद्ध मनोरथ से किए भगीरथ प्रयास में बेशुमार ताकत होती है।
आसमां में छलांग लगाने वाले बहुत सोचा नहीं करते हैं, हारकर बैठा नहीं करते। अक्सर चीजें सुविधा कम, समस्या ज्यादा बन जाती हैं। हम धोखा नहीं दे सकते कायनाद को। आत्मबल के संबल से हर बला धराशाई हो सकती है। बिन शर्त प्रेम दिव्य तौफा होता है। जिसने सीख ली आज की ताकत, उसे हराना असंभव है। वक्त की कमी नहीं होती है, फोकस की कमी होती है। जस विश्वास, तस निर्माण होते हैं। हमें सब दुख परमात्मा को सौंप देने चाहिए।
नेकी में निवेश कभी भी बेकार नहीं जाता है। डर पर काबू कर सही जिंदगी की ख़ोज करनी चाहिए। रिश्तों में प्रगाढ़ता होती है तो सुगंध आती है। मुस्कराते लब को मुसीबत ढोने की आदत नहीं होती है। झूठा आदमी पूर्वाग्रह के आदर्शवाद में फंसा रहता है। गीता की सीख श्रीकृष्ण का पता होती है। सभी नासमझ उलझकर रह जाते हैं। हर स्त्री के भीतर एक योद्धा छिपा रहता है। बुजुर्ग होना हमारे शब्दकोश में नहीं होना चाहिए। हमें कोई भी चीज के दुष्प्रभावों से अपने मन को मलिन नहीं करना चाहिए। लंबी चुप्पी जीवन की संभावनाओं का अंत कर देती है। चुनौतियां हमारी इच्छाशक्ति का इम्तिहान लेती हैं। जीवन के सभी किस्से ऐसे हों कि कुहासा छटे। हमें अपना चीयर लीडर खुद बनना है, यह काम कोई और क्यों करेगा हमारे लिए।
हमें अपने विचार सबसे ज्यादा धोखा देते हैं। जो किया जा सकता है उसमें कोई गुंजाइश नहीं छोड़नी चाहिए। हमें हर दिन बीते कल की धूल झाड़कर सोना चाहिए।जागरूकता विद्रोह को जन्म देती है। आशा का बांध कभी टूटना नहीं चाहिए। विपरीत हवा में सहजता सबसे बड़ा हथियार होता है। कन्या अपनी देह में जग को लपेटे रहती है। ऊंचे शब्द पंखों से ऊंची उड़ान भरी जा सकती है। सूक्ष्म समझ समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकती है।
हमें नकल करके कभी भी मौलिकता नहीं खोनी चाहिए।
स्वयं पर शक करना हार को आमंत्रित करना है।
बाजारू सुंदरता उजली किंतु उथली होती है। कतराभर अहसान को दरियाभर कर लौटना चाहिए। बच्चे का मासूम विवेक बाधाओं से उबार सकता है।
समस्या हमारी उत्कृष्टता की परीक्षा लेती है। सही प्रश्न हों तो उत्तर आसान हो जाते हैं। डर के परदे में बेजोड़ पहचान छिपी रहती है। शब्दों की महिमा अपरंपार होती है। अहंकार का अंधकार हमें सच से अलग करता है।
वाकपटुता से अधूरी मुराद पूरी की जा सकती है।
पारदर्शी नजरिया ताकतवर औजार होता है। हमें अपनी सनातनी सोच पर नभ भर अभिमान होना चाहिए। शख्सियत सिद्धि से निखरती है, रूप से नहीं। उत्कृष्ट चेतना की सोच से उत्कृष्ट परिणाम मिलते हैं। अगर लक्ष्य पर फोकस हो तो जीत का जुलूस निकलने से कोई नहीं रोक सकता है। जो विषमताओं से लड़ने की तरकीब जानता है, उसे आगे बढ़ने से कौन रोक सकता है।
खाली पेट सोने वाले बच्चे सपने बहुत देखते हैं। सबसे बड़ा कारागृह मानसिक है, जिससे बिना निकले कोई करतब नहीं दिखाया जा सकता है। जीवन अनंत आग प्रज्जवन के लिए बना है। कारगर तालीम हर मर्ज की दवा होती है। शिक्षक सौंदर्य संवेदना सर्जक होता है। हम शून्य में श्रेष्ठता स्थापित करने के लिए बने हैं। बेफिक्र हो उड़ान भर, आसमान का कद मत नाप। पूरा आसमान खुला पड़ा है, कुलांचे भरने के लिए। आत्मा को मारकर आत्मीय नहीं बना जा सकता है। कोशिशों का कद इतना ऊंचा हो कि चट्टानों की छाती से दूध निकाल लिया जाए।
किसी के रहमोकरम पर नहीं, खुद की तकदीर लिखने का काम कर। कुछ ऐसा कर कि इंसानियत की लकीर बड़ी हो। पीड़ा के सफ़र के गीत करुणा भरे होते हैं, जो दिल को छूते हैं। शिक्षा का अर्थ हर क्षण पर कब्जा जमाना है। विजय भभकती आग होती है जो आत्मा से निकलती है। स्पष्टता खुशी का राजमार्ग होती है।
सहृदयता में सब समाधान संभव हैं। दबाव ईश्वर की परीक्षा की प्रयोगशाला होते हैं। जो देश ने दुआओं के रूप में दिया है, उनकी वापसी की अपेक्षा है। जो खुद जहर पीते हैं, वे दूसरों के मरने की दुआ नहीं मांगते हैं।कोई तो खुदा जरूर है जो सब देखता है।उसूलों की बुनावट ठीक हो तो सहर्ष अड़चनें दूर हो जाती हैं। अब आदमी प्रयास क्यों नहीं करता है फरिश्ता बनने का। हड़बड़ी में सारी गड़बड़ी होती है। पूर्व धारणाएं प्रगति में अवरोध होती हैं। इतिहास जीवटों की जीवन गाथा लिखता है। कुछ भी समझ पर खुद को खुदा मत समझ। टालमटोल समय चुराती है। कुछ ऐसा करें कि आलोचक भी हों आकर्षित। टूटन से ही सृजन होता है।
सपनों के साकार करने की खातिर जंग लड़नी पड़ती है।
सहज मुस्कराहट में युद्ध रोकने की ताकत होती है।
इस दुनिया में हर आदमी खास मिशन पर आया है।
सख्ती इतनी हो कि डिगने न दे। साहस में अकूत शक्ति छिपी रहती है। नवाचार ही दुनिया को नवाकार देते हैं।
सुगंध के सारे स्रोत हमारे भीतर ही मौजूद हैं। हर बार गिरकर उठना आगे जाने के लिए बहुत मायने रखता है।
डर सृजन को निगल जाता है। बंदिशों के सैलाब टूटने ही चाहिए।
दिमागी उपज में कोई खर्चा नहीं लगता है। दोहरे चरित्र से सब लड़ रहे होते हैं। वाह्य दिखाबे तनाव लाते हैं। साधना की जीत होती है। बिना रोमांच जीवन रुक जाता है। विलक्षण ब्रह्मांड को सघन खोज की जरूरत है। अलार्म नहीं जुनून चाहिए। एक कृष्ण सौ कौरवों पर भारी पड़ते हैं। हम अपनी ही गाड़ी में कैद हैं। बिना तालमेल सब खत्म हो जाता है। हमें रक्षात्मक न होकर आक्रामकता के साथ ईमान का डंका बजाना चाहिए।
अगर कोई आपकी मजाक उड़ा रहा है तो कुछ अद्भुत करने की ठान लेना चाहिए। ईश्वर को खुशामद पसंद नहीं है। जीवन कम नहीं है, फोकस की कमी है। हमको ठहराव की लत नहीं लगनी चाहिए।
डॉ. अमर सिंह,
प्रेरक वक्ता, प्राचार्य एवं
विभागाध्यक्ष अंग्रेजी,
शासकीय स्नातक महाविद्यालय चांद,
छिंदवाड़ा,
मध्य प्रदेश।
M/7898740446
