संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
सिविल सर्विस विरासत की सियासत नहीं, आसमां में ऊंची उड़ान की परीक्षा है ": प्रो. अमर सिंहजो दबाव से जूझना न जाने, वह सिविल सर्विस का ख्वाब न देखे": पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा
"सिविल सर्विस प्रेसर, स्टैमिना व पर्सनैलिटी की परीक्षा है ": पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा
"सिविल सर्विस अवशोषित ज्ञान के व्यावहारिक प्रयोग की परीक्षा है:" पुलिस पंअधीक्षक विनायक वर्मा
उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा: चाणक्य अकादमी छिंदवाड़ा में सिविल सर्विस की चुनौतियों पर आयोजित सेमीनार में मुख्य अतिथि बतौर बोलते हुए छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा ने सभाकक्ष में उपस्थित सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो प्रतियोगी दबाव से जूझना न जाने, उसे सिविल सर्विस का ख्वाब नहीं देखना चाहिए। सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा प्रेसर, मुख्य परीक्षा स्टेमिना और इंटरव्यू पर्सनैलिटी के परीक्षण की परीक्षा होती है। सिविल सर्विस अवशोषित ज्ञान के व्यावहारिक प्रयोग की परीक्षा होती है। जब लक्ष्य से प्रेम हो तो सब अनावश्यक छूट जाता है। जब मन बना ही लिया तो फिर अधूरा मत छोड़ो। सिखाने वाला बुरा होता है, सीखे वाला कदापि नहीं। हर व्यक्ति उम्र के अलग अलग पड़ाव पर विकास की गति पकड़ता है। ज्ञान और ज्ञान का प्रयोग दोनों अलहदा बातें हैं।
सेमीनार की अध्यक्षता करते हुए प्रेरक वक्ता प्रो. अमर सिंह ने छात्रों को आगाह किया कि सिविल सर्विस विरासत की सियासत नहीं, अपितु आसमां में ऊंची उड़ान की परीक्षा होती है। जन्मजात प्रतिभा के अभाव की परिश्रम से पूर्ति की जा सकती है। भाग्य निज बचाव की धार्मिक घोषणा होती है। जहां कर्मों की ऊंचाई अथाह होती है, वहां नसीब को झुकना पड़ता है। काबिल व्यक्ति की किस्मत उसकी दासी होती है। अगर हम खुद को पढ़ें तो खुदा बन जाएं। विशेष अतिथि जगन्नाथ स्कूल के विजय कुमार मदान ने कहा कि सपनों को साकार करने के लिए स्वयं से जंग जरूरी है। विशेष अतिथि आशाराम गुरुकुल स्कूल की प्राचार्य मैडम बागीशा ने कहा कि फोकस की कमी, ठहराव की लत और वक्त से पीछे चलने वाले हार का सामना करते हैं। चाणक्य अकादमी के संचालक राजेंद्र पटेल ने कहा कि जिस कश्ती को तूफानों से उलझने की आदत होती है, उसे समुंदर भी दुआ देता है। अकादमी प्रबंधक दिव्या पटेल ने कहा कि अथाह आत्मविश्वास किसी भी प्रतियोगी परीक्षा को पास करने की कुंजी होती है। फैकल्टी हेमंत कावरे ने कहा कि कोई भी परीक्षा असीम धैर्य, संकल्प, लगन और पारदर्शी लक्ष्य पर फोकस मांगती है। विश्राम मीणा ने कहा कि मेहनत के आगे किस्मत भी घुटने टेक देती है। सेमीनार में जिले के बारहवीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया।

