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लघु कथा - पानी

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उग्र प्रभा समाचार - गर्मी का मौसम था। सभी का हाल हाल था,जानवर,पक्षी पत्तों से तड़प रहे थे मजबूर थे गन्दा पानी पीने को, शादी समारोह में जहां खाने की बर्बादी होती है, उसी तरह पानी की भी है। एक शादी में किसी ने आधा गिलास पानी पिया और गिलास फेंक दिया। एक गिलहरी यह देख रही थी कि टम्बलर के जमने पर उसने पानी टपकने से पहले पानी पिया और कहा कि काश कोई हमारे लिए भी ऐसी व्यवस्था करता है

शिक्षा:- इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें पानी की बचत करनी चाहिए और गर्मी के मौसम में जानवरों और पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।            

   पूर्वाभ्यास गोधा "परी"

दुर्ग- छत्तीसगढ़ आयु - 14 वर्ष

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