🗳️ बिहार चुनाव 2025 : क्या जनता नीतीश कुमार पर भरोसा कायम रखेगी या इस बार पलटी उन पर भारी पड़ेगी?
📍 पटना/राजधानी ब्यूरो, उग्र प्रभा समाचार
Bihar Election News :बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे बड़ा सवाल यह नहीं है कि किसका घोषणापत्र बेहतर है —बल्कि यह है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनता का भरोसा बरकरार रहेगा, या फिर बार-बार बदलते राजनीतिक समीकरणों से उनका "संतुलित चेहरा" अब अविश्वसनीय हो चुका है।
🔁 “पलटी” की राजनीति बनी पहचान
नीतीश कुमार को बिहार में कभी “सुशासन बाबू” कहा गया था।परंतु बीते कुछ वर्षों में उन्होंने जिस तरह से एनडीए से महागठबंधन और फिर एनडीए में वापसी की —उससे मतदाताओं के बीच यह धारणा बनी है कि नीतीश अब "स्थिर नेतृत्व" का प्रतीक नहीं रहे।कई युवा मतदाता मानते हैं कि “नीतीश अब भरोसे के नहीं, समझौते के प्रतीक” बन चुके हैं।
🧭 विपक्ष की रणनीति — भरोसे की थकान का फायदा
तेजस्वी यादव इस बार “विश्वास बनाम पलटी” के नारे पर चुनावी माहौल बना रहे हैं।उनका कहना है कि बिहार को अब “नई सोच, नई दिशा और स्थिर सरकार” चाहिए — जो हर साल गठबंधन न बदले।राजद-कांग्रेस महागठबंधन नीतीश सरकार की थकान और एनडीए के अंदरूनी असंतोष दोनों को भुनाने की कोशिश कर रहा है।
📊 एनडीए का जवाब — विकास का कार्ड
वहीं भाजपा-जदयू गठबंधन जनता को याद दिला रहा है कि नीतीश के शासन में सड़क, शिक्षा, बिजली-पानी जैसी सुविधाओं में सुधार हुआ है।उनका दावा है कि बिहार ने “लालटेन युग” से निकलकर “एलईडी युग” में कदम रखा — और इस विकास को रोकना नहीं चाहिए।
📉 जनता की मनोदशा — मिली-जुली प्रतिक्रिया
ग्रामीण इलाकों में नीतीश के प्रति अब भी एक वर्ग सम्मान और भरोसा रखता है, विशेषकर बुजुर्ग और महिला मतदाता।लेकिन युवाओं और पहली बार वोट देने वालों में “नए चेहरे” की चाहत तेजी से बढ़ रही है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि —> “2025 का चुनाव नीतीश के लिए सबसे कठिन परीक्षा होगी। अगर जनता ने इस बार भी भरोसा किया, तो वह इतिहास रचेंगे;और अगर नहीं, तो यह ‘पलटी’ उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी होगी।”
📰 बिहार चुनाव-2025: मतदान दो चरणों में, वादों-दावों की जंग तेज
PATNA//BIHAR:बिहार में अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं और राजनीतिक हलचल भी गहरी हो चुकी है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिये निर्वाचन की प्रक्रिया अगले माह दो चरणों में संपन्न होगी।
📅 मतदान की प्रमुख तिथियाँ
पहले चरण में 6 नवंबर 2025 को 121 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण में 11 नवंबर 2025 को शेष 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मतगणना की तारीख निर्धारित है 14 नवंबर 2025।
🗳️ प्रमुख राजनीतिक खेल
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा जारी ‘संकल्प-पत्र’ को मज़ाकिया करार देते हुए कहा कि एसा होना चाहिए कि “सॉरी पत्र” … यानी माफी माँगने वाला पत्र। एनडीए ने अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें एक करोड़ सरकारी नौकरियों का वादा किया गया है। योगी आदित्यनाथ ने रैलियों में एनडीए-विजय की संभावना पर भरोसा जताया और कहा कि बिहार में विकास के लिए एनडीए का शासन जरूरी है।
🎯 चुनावी गतिशीलता
नए दलों की एंट्री और उप प्रभावित वोट बैंकों (जैसे EBC) की भूमिका इस बार चर्चा में है — उदाहरण के लिए कर्पूरी ठाकुर की विरासत का इस्तेमाल चुनावी रणनीति में हो रहा है। कई सीटों पर परंपरागत जीत के सिलसिले को खतरा है — जैसे गया टाउन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का 1990 से कब्जा टूटने की संभावना।
युवा बेरोज़गारी, आदिवासी-पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी, कृषि-मुद्दे, कानून-व्यवस्था व विकास- निवेश उन मुद्दों में शामिल हैं जिन पर मतदाता इस बार निर्णय लेने वाले हैं।दोनों गठबंधनों ने बड़े-बड़े वादे किये हैं — लेकिन ये वादे “कैसे और कब पूरे होंगे” यह अगले कुछ माह में निर्धारित होगा।
💡 उग्र प्रभा समाचार की ओर से सुझाव:
बिहार के मतदाता इस बार इसलिए भी बेहद जागरूक दिखाई दे रहे हैं क्योंकि विकास-परिस्थितियों में बदलाव की दिशा तलाश रही है। राजनीतिक दलों से उम्मीद रहेगी कि सिर्फ वादे न करें, उन्हें क्रियान्वित भी करें — तभी बिहार नया इतिहास लिख पाएगा।
✍️ विश्लेषण: उग्र प्रभा राजनीतिक डेस्क
📅 1 नवम्बर 2025 | बिहार विशेष रिपोर्ट
