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शासकीय महाविद्यालय चांद में जनभागीदारी समिति की बैठक आयोजित

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        मोहिता जगदेव

  उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा

"शिक्षक अधिगम से छात्रों में उत्कृष्ठ मानव मूल्यों भरें ": एसडीएम प्रभात मिश्रा 

"उच्च शिक्षा छात्रों के नजरिए में मूल परिवर्तन का वाहक बने ": एस डी एम प्रभात मिश्रा 

" शिक्षक सामाजिक सरोकारों के मुताबिक छात्रों को गढ़ें": एसडीएम प्रभात मिश्रा 

उग्र प्रभा समाचार, चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में आयोजित जनभागीदारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए चौरई के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रभात मिश्रा ने कहा कि शिक्षक छात्रों को बिना उच्चशिक्षा के मानवीय मूल्य प्रदान किए अपने ध्येय को प्राप्त नहीं कर सकते हैं। शिक्षा के केन्द्र में छात्रों के नजरिए में घटनाओं को देखने के मूलभूत परिवर्तन से है। शासन द्वारा निर्देशित समग्र गतिविधियों के करने के पीछे प्राथमिक मंशा अधिगम की उत्कृष्ट गुणवत्ता को राष्ट्र के सरोकारों के अनुरूप स्थापित करने की है। जनभागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल ताम्रकार ने कहा कि जनभागीदारी समिति के सभी सदस्यों की कोशिश रहेगी कि शासकीय महाविद्यालय चांद के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्ति में जो व्यवधान आएं, उनका स्थाई निराकरण हो। युवा भाजपा नेता आदित्य ठाकुर ने कहा कि उच्च शिक्षा के मंदिर में दी जाने वाली तालीम के स्तर से किसी भी राष्ट्र के उज्जवल भविष्य की सहज कल्पना की जा सकती है। अमित चौधरी ने कहा कि उच्च शिक्षा राष्ट्र को गढ़ने वाले भावी युवाओं के चरित्र को परिमार्जित करने के बेहतरीन जरिया होते हैं। सुमित जैन ने कहा उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र अपनी जिज्ञासाओं के समाधान निकाल कर समाज के लिए सृजनात्मक कार्य करें। सदस्य मोनू साहू ने छात्रों की मनोदशा को समग्रता में समझने, मोनू सोलंकी ने शिक्षा के मनोविज्ञान को गहराई से समझने, रविशंकर कहार ने समस्या के सभी पहलुओं की समझ पैदा करने और नोबुल प्रजापति ने पर परिप्रेक्ष्य को ग्रहण करने की योग्यता बढ़ाने पर जोर दिया। प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने कहा कि आज के अधिकांश छात्र मोबाइल जैसे वैज्ञानिक चमत्कार के दुरुपयोग से रील लाइफ में खोकर रियल लाइफ से जुड़ने से वंचित हो गए हैं, जिसका खामियाजा बेरोजगारी के रूप में सामने आता है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि वक्त का तकाजा है कि छात्र अपनी अंतर्निहित संभावनाओं को विकसित करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ें। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि छात्रों को आज दरकार है बदलते वैश्विक परिवेश की मुख्यधारा के अनुरूप स्वयं को तैयार करने की। वरिष्ठ लिपिक संतोष अमोडिया ने शासन के निर्देशों के अनुपालन में स्वहित को छोड़ छात्र हित को सर्वोपरि रखने पर जोर दिया। बैठक में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।

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